वह जो मेरे साथ चलने की
कसमें खाया करता था,,
आज क्यों मेरी मंजिल की किसी राह में
उसकी परछाई तक भी मेरे साथ नहीं ll
वह जो मुझे हर तरीके से
अपनाने को तैयार था,,
आज क्यों उसकी किसी बात में
मेरा जिक्र तक भी नहीं ll
वो जो मुझे हर मुश्किल से
बचाने का वादा किया करता था,,
आज क्यों उसकी किसी आदत पर
मेरा कोई हक नहीं ll
मुझे कभी अपनी हर धड़कन में
मेरा नाम महसूस करता था,,
आज क्यों उसको मेरे प्यार
से कोई राबता तक ही नहीं ll
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