Kuchh log duniya
Chhod sakte hain....
Pr laalach nahi....
Kamaal hai....
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हमेशा साथ रहने के "लालच" में..
हमने हमेशा के लिए एक दूसरे का साथ खो दिया.. ।।-
मैं जिस के साथ भी खड़ा होता हूँ
बिना शर्त खड़ा होता हूँ
लुभा तो मुझे कभी जिंदगी न सकी
भला तू क्या चीज है-
ये जो तुम सब बॉयफ्रेंड होने के बाद भी मुझे ताड़ती हो ना आख बड़ी😲 कर कर के....🙄
इसी को शास्त्रों में "लालच" कहा गया है😆🤭-
Lalach insaan nu laalchi bna dinda hai,
Aalas insaan nu aalsi bna dinda hai ,
Eh teh waqt da khel hai sara
Kise nu Ameer teh kise nu gareeb bna dinda hai....-
न सोना न चाँदी न हीरो का हार मैने तो माँगा है सजना बस थोडा सा प्यार क्योंकि लालच बुरी बला है
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लालच बुरी बला हैं
लेकिन अब ये क्यों कोई भूला हैं
दौलत के पीछे भागनेवालोंने ये कहा याद रखा है-
ज़िन्दगी अब इस क़दर अंधेरे में है
आदमी अपने ही लालच के घेरे में है।
सीखी थी उड़ान जिसने तूफानों से लड़ने को
क़ैद वो इंसान अपने ही बसेरे में है।।-
Laalach ka khaatma kabhi mumkin nahi ke ho
Jaageer bhi mile jo Zamee'n aasmaan ki
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#ये कैसा रिश्ता
किसी रिश्ते के लिए इतना पागलपन क्यों कि हमें अपनी इच्छाएं मारनी पड़े
सिर्फ इस लालच में की रिश्ता बचा रहे
पर सवाल तो मन में यह आता है कि वह रिश्ता ही कैसा जिसमें बातें छुपानी पड़े
जिसमें कुछ बोलने में संकोच हो
जिसमें अपने को साबित करने की जरूरत पड़े
जिसमें विश्वास उस कच्चे धागे की तरह हो जो एक हवा से टूट जाए-