पता नहीं इस लाइन में क्या ख़ास
बात है कि सीधा होते ही हर कोई,
प्यार करने के ढोंग करने लगते हैं...
♥️-
जानकर कोई सताए तो क्या बात है, फिर खुद ही मन आए तो क्या बात है...
एक पल हंसकर कहे हां मुझे प्यार है, दूजे पल मुकर जाए तो क्या बात है ...-
प्यार आंखों में आए तो क्या बात है, जिक्र बातों में आए तो क्या बात है...
हाथ, हाथों में ले कोई तुम्हारा अगर और चुपके से दवाएं तो क्या बात है ...-
इन समझदारी के उसूलों की भी क्या बात है!
दिमाग की गलियों में दिल के फ़ैसले अक़्सर हार जाया करते हैं।-
मोहब्बत को बद़नाम सब करते हैं
जो कोइ बेवफ़ाई मिलने पे नाम कर जाए
तो क्या बात है-
कुछ तो बात है तुझमे
कुछ तो खास हैं उसमे
तभी तो उससे बात हुई तो
किसी और से बात करने की
जरूरत नहीं होती मुझे...!!-
हजारों एब देखे ज़माने में
कभी खुद के गिरेबान में कोई झाँके तो क्या बात है-
हक कोई तुम पर जताए तो क्या बात है, तुम्हें अपना बताएं तो क्या बात है...
भूल कर एक तरफ इस जमाने का डर, तुमसे मिलने को आए तो क्या बात है...-
यह दिल इतना lazy हो गया हैं.,
कि अब किसिसे प्यार नहीं ही करता,
यहा तक कि
खुदसे भी नहीं.,
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कुछ दिन की ही तो जिंदगानी हैं....,
क्या तेरा रूठ जाना इतना जरुरी हैं....,
🍁🍂-