Our task is not to seek for love, but merely to seek and find all the barriers within yourself that you have built against it. - Rumi -
Our task is not to seek for love, but merely to seek and find all the barriers within yourself that you have built against it. - Rumi
-
जो बात कहने में भी डर लगता है उसे लेखक लिखता है, और जो कोई नहीं समझ सकता उसे पाठक जीता है। #मदारी जमूरे का मेल -
जो बात कहने में भी डर लगता है उसे लेखक लिखता है, और जो कोई नहीं समझ सकता उसे पाठक जीता है। #मदारी जमूरे का मेल
बचपना गवा दिया डिग्रियों की चाह नेजवानी गवा दी नौकरी की राह मेंबहुत महंगी कीमत है साहब बचा-कुचा सब लगा रहे हैं रोजी रोटी की टाह मैं -
बचपना गवा दिया डिग्रियों की चाह नेजवानी गवा दी नौकरी की राह मेंबहुत महंगी कीमत है साहब बचा-कुचा सब लगा रहे हैं रोजी रोटी की टाह मैं
सो कहना लाज़िमी न समझाअब ना उसे खबर है और ना मुझे याद -
सो कहना लाज़िमी न समझाअब ना उसे खबर है और ना मुझे याद
पर कहते कहते रात बीत गई और निभाते निभाते जिंदगी -
पर कहते कहते रात बीत गई और निभाते निभाते जिंदगी
मन की गठरी छोड़ दे राहीरस्ता तेरा कट जायेगाधीरे धीरे चलते चलते सपना ये सच हो जायेगा। मिलते बिछड़ते राहगीरों सेतू भी मकाम पायेगामन की गठरी छोड़ दे राहीरस्ता तेरा कट जायेगा -
मन की गठरी छोड़ दे राहीरस्ता तेरा कट जायेगाधीरे धीरे चलते चलते सपना ये सच हो जायेगा। मिलते बिछड़ते राहगीरों सेतू भी मकाम पायेगामन की गठरी छोड़ दे राहीरस्ता तेरा कट जायेगा
सच झूठ जानने की किसको पड़ी हैजब फॉरवर्ड से आगे कोई मुकाम नहीं हैकोरे (अंध) भरोसे पर चल रही है चर्चाएंज्ञान का कोई नामो- निशान नहीं हैं।कदम कदम पर खड़े हैंज्ञान बांटने वालेफेसबुक वॉट्सएप पर ही मिल गई डिग्रियांजानने वालों का एहतराम नहीं है ।सब अंधेरे नगरी और चौपट राजा की कहावत हैयहां गुरु ज्ञानी का कोई स्थान नहीं है।बंद कर दो जला डालोअब यहां इनका कोई काम नहीं है । -
सच झूठ जानने की किसको पड़ी हैजब फॉरवर्ड से आगे कोई मुकाम नहीं हैकोरे (अंध) भरोसे पर चल रही है चर्चाएंज्ञान का कोई नामो- निशान नहीं हैं।कदम कदम पर खड़े हैंज्ञान बांटने वालेफेसबुक वॉट्सएप पर ही मिल गई डिग्रियांजानने वालों का एहतराम नहीं है ।सब अंधेरे नगरी और चौपट राजा की कहावत हैयहां गुरु ज्ञानी का कोई स्थान नहीं है।बंद कर दो जला डालोअब यहां इनका कोई काम नहीं है ।
कि बंद कर, दो जला दोअब इनका कोई काम नहीं हैंभक्ति के इस दौर में ज्ञान का कोई इल्हाम नहीं हैं।-मदारी -
कि बंद कर, दो जला दोअब इनका कोई काम नहीं हैंभक्ति के इस दौर में ज्ञान का कोई इल्हाम नहीं हैं।-मदारी
फुग्गे जैसा तुम्हारा गुस्सासुई की नोंक सा मैं प्रियचुभन और आंनद सा मेल प्रियमुश्किल नहीं है ये खेल प्रिय -
फुग्गे जैसा तुम्हारा गुस्सासुई की नोंक सा मैं प्रियचुभन और आंनद सा मेल प्रियमुश्किल नहीं है ये खेल प्रिय
देश का मजदूर हाथी हो गया हैजिंदा एक लाख का और मरा सवा लाख का -
देश का मजदूर हाथी हो गया हैजिंदा एक लाख का और मरा सवा लाख का