उस नील गगन मे उडते ,बादल ने क्या है ठानी?
क्यों बनके उसने पानी, दे दी अपनी कुर्बानी?(love)
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🇮🇳"ऐसी भी कुर्बानी"🇮🇳
पहली रात सजी फूलों की सेज,अब कांटों सी लगने लगी
नई नवेली दुल्हन का सुंदर श्रृंगार की परत झड़ने लगी
लाल साड़ी लाल सिंदूर लाल बिंदी का रंग फीका सा लगने लगा
तुम बिन बेकार मेरा सजना,अधूरा सा व्यर्थ जीवन लगने लगा
तन्हा सांझ सवेरे, घुटती तिल तिल मन भर प्याले भरने लगा
मेरा कण कण, मनमीत मेरे, तेरे लिए दिल तड़पने लगा
बॉर्डर पर चलती गोलियां बारूद की आहट डराने लगी
सोच सोच कर ऐ सनम तुमसे पल पल मिलने को उकसाने लगी
माना तुम्हारा वतन की हिफाज़त करना,इसके लिए मर मिटना,गर्व की बात होती है
लेकिन बिना मीत के जीवन बिताना,किसी कुर्बानी से कम नहीं होती है-
सैलाब का मौसम हैं, हैवान छाया हैं
जिगर हाथ मे पकड़कर, कुरबानी हिफाज़त की देने
मशाल जवानो का, मौत से खेलने आया हैं ।।
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"जब तुम साथ ना थे"
पढ़ाई में मन बेशुमार था,बेखौफ आगे बढ़ने का जुनून
भरपूर नींद भी थी आंखों में,ख्वाबों की कमी ना थी।
किसी से भी दोस्ती करो,बात अपनी इच्छा से करो
कहीं भी घूमने जाने की घर से आज़ादी थी।
NSS NCC भी कर पाती जो तुम साथ ना होते
मेरे रगों में भी बंदूक उठाने की ताकत थी।
तुम्हारी खातिर कर दिया कुर्बान सब कुछ
वरना मुझमें कभी झुकने की आदत ना थी।
कैसा तेरा प्यार था, कैसी मेरी दिल्लगी थी तुमसे
खुद को सौंप दिया तुम पर,चाहत बेपनाह थी तुमसे
हंसते हंसते छोड़ दिया,क्यूंकि तेरे आगे अपनी ख्वाहिश की मोहताज ना थी।।-
तुम गम लेते फिरते हो अपनी झूठी मोहब्बत का,
गम क्या होता है जरा उनसे भी पूछ लो कोई
जिनका कोई अपना देश के लिए शहीद हो जाता है।
🇮🇳 जय हिन्द🇮🇳-
Kuye lasho se bhare the
Charo or sam San bne the
1857 m hua tha
3 log jel m hi jle the
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उसकी खुशी के लिये..
उससे दूर रहू यही मेरा प्यार l
जिस वजह से वो खुश हो जाये..
वही वजह अबसे मेरा त्योहार ll
(Shubham Deøkar)-
दिल और दिमाग की आपस में कभी नहीं बनती,
दिमाग कहता है भूल जा उसको दिल कहता है थोड़ा इंतजार कर।-
संविधान का सम्मान हो, देश का सम्मान हो..
तिरंगे की आन बान शान पे मेरी जान कुर्बान हो..
वतन से हूं मैं वतन से है मेरा जहांँ..
वतन पे फ़िदा मेरी जिंदगी का हर सुबह शाम हो..
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