ऐ खुदा..बुलंदियाँ हमें भी दिलवा
गिर भी गये तो क्या..नजारे तो देख आयेंगे।-
Chhatrapati Shivaji had Hindus of all castes and tribes in his army. ... His General, TANAJI RAO MALUSARE, who was always referred to by Sivaji as 'My Lion' was a KOLI. Tanaji was truly a lion and he recaptured the fort of Sinhagad for his master and friend Shivaji by paying his life as price for the fort.
#History of Koli #Koli's
#Koli king Tanaji Rao manusare
#Koli Society-
तुझ्या गालावरील तीळ
त्यावर फिदा माझा दिल
जोड्याने दर्शनाला जाऊ
मग गोव्याचा किनारा पाहू
तुझी हर एक अदा
पोरा त्यावर झायली फिदा
आई बाबांशी साथ धरू
सुखी संसाराला सुरुवात करू
जोड्याने दर्शनाला जाऊ
मग गोव्याचा किनारा पाहू
तुझ्या स्पर्शाची जादू
मला करे बेकाबु
तुझ्या ओठांची थरथर
मला वेडावते
सांग पोरा तुझा इरादा काय
माझ्या गालावर लाजेची लाली चढते
लवकर येऊनी मागणी घालुनी
मला ने तू लगीन करुनी
मग जोड्याने दर्शनाला जाऊ
मग गोव्याचा किनारा पाहू-
ତା ପାଖକୁ ଆଜି ଯାଇଥିଲି। ସେ ଆଜି ମୋତେ ଅନେକ ପ୍ରଶ୍ନ ପଚାରୁ ଥିଲା। ଆଉ କହୁଥିଲା-: ମୋ ସ୍ବାଦରେ ତ କିଛି କମ୍ କରି ନାହିଁ କାହିଁକି ମୋ ପାଖରେ ଆଉ ଆଗ ଭଳି ଭିଡ ନାହିଁ।ଆଗରୁ ମୋତେ ଖାଇବା ପାଇଁ ପାଗଳ ହେଉଥିଲ, ଫୁଲରେ ମହୁମାଛି ପରି ଘେରି ଯାଉଥିଲ ଚାରିପଟେ। ଆଉ ନିମିଷକେ ମଧ୍ଯରେ ମୋ ପାଚିଲା ସହ କଞ୍ଚା ଫଳକୁ ଟାଣି ଓଟାରି ନେଇ ଯାଉଥିଲ। ମୁଁ ବି ରାଗରେ ମୋର ଛୋଟ ଛୋଟ କଣ୍ଟାରେ ଟିକେ ଟିକେ ଫୋଡି ପକାଉଥିଲି । ସେଦିନର ଟିକେ ରାଗ ବୋଧହୁଏ ମୋତେ ଏକା କରି ଦେଇଛି। ତଥାପି ଆଜି ବି ତୁମ ଅପେକ୍ଷାରେ....କେଉଁ ବୁଦା ମୂଳରେ ଆଉ କାହା ବାଡ ପାଖରେ ଏକା ଏକା ରହି ଅଣ ନିଶ୍ବାସୀ ହେଇଯାଉଛି। ସମୟର ବାଟେ ତୁମ ପିଢୀ ଗଲାପରେ ମୁଁ ବି ଏକା ହୋଇଯାଇଛି। ସତରେ ସେ ସମୟଟା କ'ଣ ଆଉ ଫେରିବନି.....
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दिन मतलब के थे, तो कोळी भरल्या करदे।
माड़े दिना मैं कौण किसनै, पूच्छण आवै सै।।
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Koli - a fishermen community of India
तूफानों के बीच एक कस्ती है,
दूर किनारे पे कोली की एक छोटी बस्ती है।
सागर आज कुछ रूठा सा है...
जाल में मछली आज कुछ कम सा है।
तूफानों के बीच कस्ती अब थक रही है,
रींन चुकाने की चिंता अब चेहरे पे दिख रही है।
सरकार की नीतियों का असर, मिला जुला सा है...
बड़ी नौका के आने से पूरा वयापार गिरा सा,
कहते हैं- बड़ी नौका नौका सागर के वातावरण को नुकसान करती है, इससे मछलिया आनी कम हो जाती हैं।
पर , भगवान पर इनका पूरा भरोसा है...
हर रोज समुंद्र पूजा कर मछली पकड़ने निकलना है।
ये कोली हैं, मछली पकड़ना इनका पेशा है...
ये कोली है, तूफानो से लड़ना इनका रोज का है...
ये कोली है, तूफानों पे कस्ती चलना इनका रोज का है।।
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कोळयांची जात हाय,
कोयत्याची चमकदार पात हाय,
जो आमचे आडवो आयलो,
त्याची आज शेवटची रात हाय.-
जमीनी आमचे वारवरीलांची
सोन्याची न लाखामोलांची
साथ हाय आमाना दर्याची
डोंगरावरचे एकवीरा आयची
रूबाब आमचा थाटामाटाचा
स्वभाव आमचा भोलेमनाचा
मेहनत हूती मिठाआगरांची
शेतीची न मासेमारीची
बरीच वरीस झायली
नय रेयला जूनापण
पोटचा घास होता घरादारांनव
भावाभावासचा कोयता परला मानव
सख्खी नाती इसरून जेली
इटा कवलांचे घरांनव सिमेट ची जंगला आयली
हिरवी पांन झारं आता प्लँस्टीक ची झायली
पिवळी हालदीचे जागव
केमीकला आयली
सोन्या लाखांची घरा कवडी मोलाची झायली
सोन्या लाखांची घरा कवडी मोलाची झायली
_प्रतिक कोळी
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