देश की स्थिति बहुत खराब हो रखी है।
इंसाफ जहां मिलना चाहिए वहां मांगना पड़ रहा है।
#Justiceformanisha✊-
रोज हिन्दू बहन बेटियो का रेप, मर्डर, उत्पीडन, लव जिहाद आदि जैसे मामले होते है पर सड़क पर कोई नही उतरता है।
लेकिन इत्तेफाक से एक बार इन जिहादियों के साथ अगर हो जाये (जो कि वे खुद करते है) उदाहरण: कठुआ रेप, तो वे सारे देश मे आगजनी मचा देते है।
तुम सब जबतक उनकी तरह सड़को पर उतरकर इन जिहादियों का और बलात्कारियों का सर्वनाश नही करोगे तबतक ये देश तरक्की नही कर सकता।-
भीड़ से जो निकलू तो touch करने के बहाने ढूंढता है,
चलती हुई road पर भी अपनी आंखों को सेक लेता है,
मौका मिल जाये तो इज्जत को लूटने की साज़िश करता है,
बताना तू क्यूं अपने आपको मर्द कहता है??-
माँ का दूध नही पिया या
बहन को गोद मे नही खिलाया
फिर क्यूं तू ऒरत में फर्क करता है।।
कोई इश्क़ में कपड़े उतारता है,
कोई रोड़ पर बेआबरू करता है,
क्यूं एक लड़की की इज्जत से तू खेलता है??
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बेकाबू जिनका तन बदन हो जाता है
लड़कियों को देखकर,
काबू रखले अपने जज्बात नही तो मर्द से
नामर्द बनाने में देर ना करेंगी लडकिया।।-
Durga bhi hum hein Kali bhi hum hei
Toh kya har baar humko hi bhasa doge pani me har baar ???
Ravan toh aaj tak ek baar bhi nei jala bich sadak par ???
Aao ek baar unhe bhi nanga kar zinda jalaen...phir kare hisab barabar😡-
Waqt badlega
Betiya apni hifazat kudh karegi
Jada nahi bus sarkar se
Arzoo hai meri har ladki ko pistol de do taki woh apni madad kudh kar sake or in rapist (darindo) se lad sake🙏🙏
#sheetalpoem-
मैं तो अभी अभी थोड़ा चलना ही सीखी थी
कि दरिंदो ने मुझे उठा ले जा नोच लिया
ना वो अंधेरी रात थी ना वो सुनसान जगह
अभी तो दिन ही था गाव घर में शोर भी था
मैं तो अभी कली ही थी खिलना पूरा जीवन था
नन्हीं सी जान थी अभी तो अच्छे से चलना सीखी भी नहीं थी
कहकर गुड़िया गुड़िया उसने मुझे उठाया था
गलत इरादों से उसने मुझे छुआ था
ना जाने वो कितने दरिंदे थे जिसने मुझे बेरहमी से नोचा था
चिखे भी तेज़ नहीं थी तो थोड़ी समझ भी छोटी थी
दर्द से चिल्लाई थी तो गुहार छोड़ देने की लगाई थी
खून से मैं लतपथ थी तो जान से मैं खेल रही थी
थोड़ी सिसकियां भी भरने न दी थी उनलोगो ने थोड़ा संभलने भी नहीं दिया था
कहीं झारियों में फेकी गई थी तो कहीं मैं ज़िंदा जलाई गई थी
क्या कसूर था मेरा?? मैं तो अभी कली थी जो अभी खिली भी नहीं थी
मगर शिकार दरिंदो की हो गई थी
क्या कसूर था मेरा?? क्या मैं एक लड़की थी इसलिए नोची गई थी???
मैं तो अभी कली थी खिलना पूरा जीवन था-