वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा-
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है-
Phool hai par khushboo nahi hai
Zindagi hai par jeena nahi hai
Dard hai par kehna nahi hai
Waqt hai par mera nahi hai-
ख़्वाबों में तसवीर,
फ़िज़ाओं में खुश्बू...
ठहरता सा वक़्त,
खामख्वाह मुस्कुराना...
क्या मैं नशे में हूँ?
या मुझे मोहब्बत है..।-
बस गई है तू मुझमें...
सुगंँध मेरी, तुझसी आती है...
इत्र कोई भी लगा लूंँ मैं...
खुशबू तो तेरी ही आती है...-
ख़ुशबू है मेरे हाथ मे
उस गुज़री रात की
जब बालों से रिसते हुए
ये हाथ तेरे लबों पे रूके थे
ख़ुशबू है मेरे रोम रोम मे
उस गुज़री रात की
जब जिस्म का हर हिस्सा
भीगा था तेरे इश्क़ ए जाम मे-
मेरी हर चीज़ में तेरी ख़ुशबू को तलाशती हूँ,
आज भी मैं सिर्फ़ तुझमें ही रहना चाहती हूँ।।
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Tum paas nahi ho toh kya hua..
Aajkal mehfooz rakhti hun
Khud ko tere ehsaaso mein.
Koi mujhse milne aae,
Aur usse teri khushbu na aae..
Aesa main hone nahi deti ❤-
तू जो बस गया है,
मेरे कमरे की फ़िज़ाओं में ।
ज्यों ही घुसती हूँ ,
तेरी खुशबू महकने लगती है ।
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सांसों के तेज होने की,
आहट सी गूंज रही है।
प्यार भरे लहजे से देखो,
कितनी धड़कने बढ़ रही हैं।
इतना भी ना लिखो शायरी,
तानी बंसल की चाहत में,
"ए शायर"
शायरी के अल्फाजों से ही देखो,
खुशबू इश्क़ की बह रही है।।🥰-