आज एक दूसरे से जुदा हुए हमें एक साल हो गए,
सुना है अब तुम किसी अजनबी के हमसाए हो गए...😪
ख़ैर,
मेरी हर नमाज़ के बाद उठे मेरे हाथ,
मेरे अपनों पर रहमतों का अंबार मांगता है...
अब मेरे ख़ामोश लब नाम-ए-ज़िक्र नहीं करते तुम्हारा,
पर आज भी मेरी हर दुआ में ये दिल बहुत ख़ामोशी से तुम्हारी खुशियां तमाम मांगता है...।।।-
_धडकन_
अपने कल से,
फिर डरने लगा है ``❤"...
के ........ .... ......💗...,
दोबारा खामोश हुई है आज
☆☆☆-
खामोश सी है तू
और ये रातें भी
पर तेरी आंखें
कुछ केहने को
बेताब सी है-
यह खामोश रातें अब चीखती हैं...
ऐसा लगता है,
मानो मुझसे मेरी सांसे छीनती हैं...
ओ सनम, अब तो लौट आओ...
क्योंकि तुम्हारे बिन,
मेरी उम्र गुजरती नहीं सिर्फ कटती हैं...-
मेरी चंचल रातें भी...
खामोश हो जाती है...
जब कभी मेरी महबूबा की...
पायल गुम हो जाती है...-
پیلے پتّے جب نمی پاکر ہرے ہو نے لگے،
دشمنوں کے درمیاں تب مشورے ہونے لگے۔۔
بولنا بھی جرم ہے یہ سوچ کر خاموش تھا،
میری خاموشی پہ بھی پھر تبصرے ہونے لگے۔۔!!
पीले पत्त्ते जब नमी पा कर हरे होने लगे,
दुश्मनों के दरमियाँ तब मशवरे होने लगे..
बोलना भी जुर्म है ये सोच कर ख़ामोश था,
मेरी ख़ामोशी पे भी फिर तब्सिरे होने लगे..!!-
किया था जो मैंने उससे वफ़ा निभाने का वादा ,
वो हर इक वादा निभाना है ,
खामोश रहकर भी निभाई जाती है ये मोहब्बत ,
सारी दुनिया को दिखाना है..!!!!!
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''yrrr' seedhi si baat hai...
Main khamosh hoon...
Matlab udaas hoon ''yrrr'-
Kyu bhla Shikaayat kru Tmhari ab kisi aur se,
Kyu Bhla ab Zikr b kru tmhara apni kisi baat se...
Tmne to Apne Lafzo ko Uss pal Khamosh rkh k,
Mere Dil ki Khushi aur Mere Alfaazo ka Guroor chhin liya h...-