आज़ ज़िन्दा हैं.....
तो कोई ख़ैरियत ना पूछो बेशक़,
मरने पर सब मातम मनाने
वक़्त पर आ जाना।।
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हर काम वक़्त से हो तो बेहतर है ।
ज़रा बताओ....
मरने के बाद ख़ैरियत पूछोगे,
तो कैसा होगा ?-
चूर चूर है रूह अंदर से बाहर से पर सबको सही सलामत ही नजर आते हैं,,
मुस्कुरा के पूछते है खैरियत,हाँ कैफ़ियात से है,हम भी सबको यही बताते हैं,,-
दर्द भी अब दर्द नही देता..
थोडी खैरियत आजमाई जाय..?
बेचैनी का समंदर तो तैर गये..
क्या सुकून की कुछ बुंदे पियी जाय ??-
जिंदगी तेरी ये
सज़ा क्या कम है कि
लोग अब ख़ैरियत ही
नहीं पूछते हमारी
इन आंखों में बसी
वीरानी देखकर..-
मोहब्बत समझती है...
सारी दुनिया जिसे...
असल में वो दर्दों कि...
एक सुनहरी हथकड़ी है...
आशिकी में महबूब की...
खैरियत से किसे क्या करना...
आशिकों को तो केवल...
अब सिर्फ अपनी पड़ी है...
सिर्फ अपनी पड़ी है...-
तुम अपना प्यार कुछ इस तरह जता दिया करो
मेरी ख़ैरियत भले ना पूछो अपना हाल बता दिया करो-
Ye kaise duniyan hai janab,
Jaha log khairyat nai,,
Apke hasiyat puchte hai...-
Suno jaan 🥰
जब तुम
खैरियत
पूंछ
लेते
हो
ना ,👩❤️💋👨
तो
कैफियत भी
सुधर
जाती
है
मेरी।।💞-