द्रोपदी का चीर हरण करा, जिसने महाभारत रचाई थी,
उस सांवरे का तुम गुणगान कर, खुद को इंसान कहते हो,
जिस संविधान ने तुम्हें इंसान बनाया, बकवास कहते हो उसे,
अंधविश्वास और जाहिलो की कसौटी में तुम पूरे खरे उतरते हो,
मर गए क्या 33 करोड़ तुम्हारे, या आंख मूंदे तमाशबीन बने,
औरतों को नंगा करने की परंपरा इन्हीं की, तुम इन्हें भगवन कहते हो,-
किसी ने क्या खूब कहा है,
मरता क्या नहीं करता
लेकिन अब इंसान पल, पल मरता है,
और कुछ नहीं करता
कुछ बाते सिर्फ पढ़ने में अच्छी लगती है,
अगर इंसान लिखी हुई बातों में जाए तो
लिखा तो तुम्हारे लिए संविधान भी है,
लेकिन मरता क्या नहीं करता
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जिंदगी में आप चाहे कितने भी छले गये हो,,आपकी भावनाओं को चाहे जितना रौंदा गया हो,, मगर आप अपने अंदर की करुणा और सच्चाई को अपनी कमजोरी समझ के छोड़ना नही,,,क्योंकि Sensitive होना कायरता नही ताक़त है,, यह हमारी इंसानियत का प्रतीक है,, जो हमे दुसरों की भावनाओं और स्थितियों को समझने और उनसे सहानुभूति रखने की क्षमता देती है,,sensitive लोग उन छोटी छोटी बातों को महसूस कर सकते है जो janrally नजरअंदाज कर दी जाती है,,वो दूसरों की खुशी और तकलीफ दिल से महसूस करते है,,, ये गुण उन्हें सबसे अलग और बेहतर इंसान बनाता है,,,भले ही आपको ना समझा गया हो,,,मगर आप किसी के दर्द को महसूस करने की क्षमता रखते हो,,, यही आपकी सच्ची ताक़त है !!!!
"""अफसोस इस बात का नही है की मेरी भावनाएं आहत होती रही, बल्कि खुशी इस बात की है इतना सब होने के बाद आज भी मैं सबके लिए वैसी ही हूँ !!!!!!!!
दिल में वही प्यार,, इज्जत और सम्मान और हमेशा रहेगा भी,,,जिंदगी के उतार चढ़ाव के साथ आप रिश्तों से मुँह कभी नही मोड़ सकते !!!!!!!!-
अगर उसे पाने की ख्वाहिश है
तो उससे मोहब्बत कभी न कर पाओगे
उसके लिए तुम उसके करीब होगे
पर खुद उसके पास कभी न जा पाओगे
लड़ाई लड़ने से पहले ही हार मानकर
जनाब , कायर तुम कहलाओगे-
बड़ी कमउम्र थी तेरे इश्क़ की,
रूह तक पहुँचने से पहले ही दम तोड़ गई....-
गुडडू भाई (रामपुरी) के दोहे
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निर्दोषों पर ढाएँ कहर, खुद का करते नाम।
आतंकवादी कर रहे, कायरता का काम।।
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अगर सभी आपकी तारीफ़ कर रहे हैं तो ज्यादा खुश मत होइए..... यकीनन आपने जिंदगी में बहुत सी कायरता कर रखी है.....
°°°°श्वेता पांडेय°°°°-