एक मुद्दत से तड़पा रही हो मुझको
बेरहम अब तो रहम कर दो
दवा कर दो मुझे या मेरा क़त्ल कर दो
तेरे इंतज़ार में रहती है आँखे हर पल
सुनो! अब तो इंतज़ार खत्म कर दो
सुला दो पल भर मुझे या नींद से आज़ाद कर दो
मुजस्समा बन गया हूँ बिन तेरे
मुझे छूकर तुम मुझमे जान भर दो
सांस भर दो मेरी सांसो में या मौत के हवाले कर दो
भड़क रही है सीने में आतिश-ए-दिल
कभी मेरे जिस्म पर मोहब्बत की बारिश कर दो
प्यास मिटा दो मेरी रूह की या प्यासा ही दफ़न कर दो-
16 FEB 2018 AT 12:54
14 JUL 2020 AT 15:01
खुद तलाशना क़ातिल अपना...
और फिर क़त्ल होना...
इसी फनकारी को .....
बदकिस्मती से इश्क़ कहते है....-
11 MAY 2020 AT 20:49
वो भी तो गुनेहगार हैं,उनको भी सज़ा दो
जो निग़ाहों से क़त्ल करके, सरेआम घूमते हैं-
29 AUG 2020 AT 21:38
"क्या अदा है मेरे यार की,
कत्ल भी करते हैं,
और हाथ में खंजर नहीं,
ले गए हमें वो ,
ऐसे चमन में जहां देखने को,
एक भी मंजर नहीं!"
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5 MAR 2020 AT 10:40
होंठ से होंठ मिलाकर वो तब्बसुम बनाना जानती है,
वो मुरआत है मेरी, मेरा कत्ल करना अच्छे से जानती है...-
12 OCT 2020 AT 23:35
कत्ल करना चाहते हो
हथियार नहीं तरीके बदल डालो
लब्ज वही रखो बस लहजे़ बदल डाला।-
12 OCT 2021 AT 22:48
यूँ इस तरह मेरा साथ ना छोड़,
अब तो तुझी से इश्क़ है और तुझी से मोहब्बत है,
क़त्ल भी कर दे चाहें मगर ये दिल ना तोड़।-