देर से आया
वो रूठा है तो मना लूं मैं ,उसे फिर से अपना बना लूँ मैं
ये खयाल दिल मे आया , मगर देर से आया
खिलाफ सारा ज़माना है , करना है वही जो ठाना है
ये तूफ़ान दिल में आया , मग़र देर स आया
दर्द के बदले दर्द मिला ,तब मैंने खुशियाँ बांटी
ये आराम दिल में आया , मगर देर से आया
मरने के वक़्त सोचा , कि अबतक मैं क्यूँ जिया
ये सवाल दिल में आया , मगर देर से आया
-