ज़िन्दगी की हर सुबह इक नई शुरुवात करे
क्या पता कल जिंदगी ही ना हो कोई शुरुवात के लिए 🛌😝😝-
मरहम अब की कान्हा जी ने रखा है
तुम लाख करो कोशिश अब ये दुखेगा नहीं-
आज यह शुभ दिन पहली
बार आया है,
आपका और मेरा जन्मदिन
एक साथ आया है,
बहुत खुशनसीब हूं मैं जो आपकी
कृपा की भागीदार हूं,
मेरे इस जन्मदिन पर मैं
आपकी साझीदार हूं,
मुझे इसी तरह अपने आशीर्वाद
से प्रफुल्लित करना,
आपका और मेरा साथ यूहीं रहे
इतना प्यार देते रहना।
-
प्रेम की परिभाषा बताने को....गीता का मर्म समझाने को
फिर से आओ ना कान्हा....ज्ञान की तृष्ना बुझाने को...-
**..कान्हा तुझे छोड ओर कोन हमारा है..**
**..तुही मेरे दिल की धडकन तूम ही सहारा है..**
**..प्यारे सांवरिया मेरे..**-
न जानू ये दुनियादारी
न ही मुझे समझना है
मेरे हो तुम मेरे कान्हा
तुझमें ही बस रहना है
(Caption)-
राधा से जिसे प्रेम अपार, वो रुक्मिणी को अपनाता है
सोलह हजार एक सौ आठ रानियों में जो तन्हा ही रह जाता है
काठ की बंसी अधर धरे, जो गउयें रोज चराता है
माखन को चुराने वाला महाभारत भी रचाता है
मटकी फोड़ ग्वालिनों की, नाग कालिया नाथता है
वस्त्र हरण करने वाला चीर द्रोपदी का बढ़ाता है
दुर्योधन के मेवा छोड़, साग विदुर घर खाता है
प्रजा की रक्षा की खातिर वो रणछोर भी बन जाता है
देवकीनंदन कृष्णवासुदेव यशोदा को न विसराता है
प्रेम की भिक्षा वो परमात्मा गोपियों से मांगता है
बृजभूमि का रहने वाला राज द्वारिका का चलाता है
नाम सुदामा बस सुनकर, जो नंगे पाँव दौड़ जाता है
पग-पग पर मिलते संघर्ष, संघर्ष को सीख बनाता है
छल को हरने वाला छलिया मुस्कान न कभी गंवाता है
वो कृष्ण कहलाता है, हाँ वही कृष्ण कहलाता है-
साँवलो रंग उनका
आँखे जैसे खोए रहे उनमें
प्रीत ऐसी लगी साँवरे
तरसे नयन तेरे दर्शन को
जाने कब आएंगे साँवरिया
मोहे लगी श्याम संग प्रीत
दुनिया से ना मोह है.....
-