दिल कोई चीज नहीं...
जो दे दूंँ तुझे...
एक दफा है टूट चुका ...
फिर तोड़ूं कैसे...-
Tum aao chahe na aao ye Tumhari mohabbat hai
Humne to mohabbat ki hai hum pukara karenge-
ज़िंदगी जीने में जो भी तकलीफ़ महसूस कर रहे है
क्या कहे कैसे कहे उनसे कि इस तकलीफ़ का कारण वो खुद है।-
छोटी सी तो थी चाहत
देते तुम मेरे घावों को राहत
मलहम न बन पाए तुम
ओ मेरे सजना अब तो सुन
चांद करेगा अब तफ़्तीश
मिले न मुझे कोई भी तपिश
तारों का मेला होगा फिर
ये दिल न तन्हा होगा फिर
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कैसे रखे हम खुद का ख्याल
अब ख्यालों में कोई और जो रहने लगा है....
कैसे सुलझाए हम ये उलझे हुए सवाल
अब इन सवालों से दिल का हाल बेहाल जो रहने लगा है...
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उधेड़बुन से खुद को निकालूँ कैसे?
जिसके दम से चलता हूँ मैं, उसकी यादों को अपने दिल से निकालूँ कैसे ?
उसे भूलाने के भय से ही मरा जा रहा हूँ, किसी और से दिल लगा लूँ कैसे ?
मेरी पहली नज़र का प्यार है वो, अपनी दुल्हन किसी और को बना लूँ कैसे?
जिसके सपने देखे हैं खुली बंद आंखों से, उसे सबकी नज़र से छिपा लूँ कैसे?
धड़कने गाती हैं, प्रेम-गीत जिसके, उसकी मोहब्बत को आखिर पचा लूँ कैसे?
उसे भूल जाऊँगा, झूठी कसम इस बात की, मैं सच जानकर भी खा लूँ कैसे?
मेरे दर्दे दिल की दवा उसके पास है, किसी नीम हकीम से दिल दिखा लूँ कैसे?
उसकी मुस्कान भर से भागते हैं रोग सारे, दूसरे दवा की पर्ची लिखवालूँ कैसे?
पूरी जिंदगी जीने का हमने वादा किया है, दूर खुद से खुद को भगा लूँ कैसे?
हमारी रजामंदी हमारे प्यार का सुबूत है,मौत का तरीका कोई आजमालूँ कैसे?
अपने प्रेम का हस्र रब पे छोड़ा है, खुद पे बेवफ़ा होने का तुहमत लगवालूँ कैसे?
वादाखिलाफी का इल्ज़ाम मुझ पर लगेगा, उधेड़बुन से खुद को निकालूँ कैसे?-
Dastak hui tumhari,to maine bhi dil ki pehredaari ko kada krdia....
Par ek baar tumhare aankhon se mili meri ankhen,
jung par khade sipaahiyon ke bhi haantho ko nihattha khada krdia..
Dimaag ne bola ye kya hua,
Dil ne kaha,achha hua...
kyuki jis devi ne jeene ka matlab bataya,
uske khilaf kaise hamne ye faisla krdia..
Anjaam ka nhi pta...
jo hoga dekh lenge....
par tumko humne apni pari
banane ka faisla pakka krdia🤭🤭-