झूठी ही तो थी मोहब्बत तुम्हारी जिसें हमने मुकम्मल माना था ।
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पहले झूठी मोहब्ब्त करते हो
दिलो जान हम पर वार करते हो
जब निभाने नही आते रिश्ते
तो क्यो मोहब्बत को शर्मसार करते हो....!!!-
Wo mohabbat nahi rahi...
Us kadar ab teri jrurt nahi rahi...
Is kadar tute h teri chahat m..
In labo pr ab koi shikayat nahi rahi...!!
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उनके झूठे वादे, झूठी कसमें हज़ार
याद आती है उनकी बातें हर बार
मन मे गूंजता है।
कभी किसी से एतबार ना करना
कभी किसी से प्यार ना करना।-
सुनो अब मुझे आकाश होना है
सबके दिलों का प्रकाश होना है
और बहुत हुईं ये मोहब्बत की बातें
अब दिल को थोड़ा अवकाश देना है-
वो कहते थे हम इकलौते हैं
जिनसे वो प्यार किया करते हैं
कोई उनसे जाकर पूछे कि अब वो
किन किन से ये इजहार किया करते हैं-
अच्छा सुनो मेरे पास आओ तो बताऊँ तुम्हें
अपनी मोहब्बत का एहसास दिलाऊँ तुम्हें
जहाँ किसी की नज़र ना लग सके तुमको
मैं दिल के ऐसे किसी कोने में छुपाऊँ तुम्हें
तुम्हारे बगैर एक पल भी नहीं रह सकता
मैं इस बात का एहसास कैसे दिलाऊँ तुम्हें
इस हसीन चहरे पर गम अच्छे नहीं लगते
ये छोटी सी बात कितनी बार बताऊँ तुम्हें
मोहब्बत ना रही तो क्या हुआ दोस्ती में ही
अपने टूटे दिल का कुछ हाल सुनाऊँ तुम्हें
"सुमित" आज भी मोहब्बत करता है तुमसे
पर अब चंद लाइनों में कैसे समझाऊँ तुम्हें-
अब भी ताज़ी है पहली मुलाकात की खुशबू
जज़्बातों में डूबे हुए उस लम्हात की खुशबू
उसके हाथ को एक पल के लिए थामा था मैंने
कई मुद्दतों तक गयी नहीं मेरे हाथ की खुशबू-
इजाज़त हो तो तेरे चहेरे को देख लूँ जी भर के
मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा-
बढ़ रहा है दर्द,गम उस को भूला देने के बाद
मुझे याद उसकी आई खत जला देने के बाद
इसबार आँखों से आँखे नहीं मिलीं तो क्या हुआ
दीदार तो तुझे करना होगा मेरे मर जाने के बाद-