तौबा कर ले इन सारे झूठे रिश्ते-नातों से।
जो साथ तो होते हैं मगर साथ नहीं होते।।-
खर्च कर दिया खुद को मैंने...
हर रिश्ते को बचाते-बचाते...
फिर भी सब खोखले ही निकले...
कुछ जरूरतों के लिए रिश्ते रखे गए...
तो कुछ के लफ्ज़ इल्ज़ामों से भरे निकले...
सभी को सहेजे चले फिर भी साथ हम...
ना जाने फिर भी कमी क्यों मुझमें ही हज़ार निकले....!?!-
कोई क्यों नही समझता
कोई किसी के बिना मर नही जाता
आप तो साँसें भी मुश्किल से लेते हो उसकी याद मे
और वो पलट कर कभी नही आता
सफाई जो उसे देनी हैं वो भी आप देते हो
कोई कहदे बुरा उसे उसकी तरफदारी लेते हो
समझो अगर आपका होता वो
तो मजबूरी मे भी दूर होकर
वो आगे बढ़ नही जाता।-
लोगों की औकात देखनी है तो कुछ दिन के लिए निकम्मे बन जाओ
सारे रिश्ते खुद -ब-खुद सामने आ जायेंगे-
पता नहीं ईश्वर ने मेरा
कैसा नसीब बनाया है..
दुनिया का हर झूठा रिश्ता
सिर्फ मेरे हिस्से में आया है...-
Kisi ki zindagi ka ek saccha insaan bano
Kyuki
jhuthe rishte nibhane wale bahut hain
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Jhuthe Mooh ko
Yaha Koi Kisi Ka Saga Nahi
Apna Bana Kar Dhoka Dete Hai Log
Yaha Sach Mein Koi Apna Nahi-
जो आपके साथ दिल से रिश्तें निभाते हो
उन रिश्तों में कभी झूठ न बोले
क्योंकि झूठ रिश्तों को तोड़ता है
और सच रिश्तों को जोड़ता है !!
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