QUOTES ON #JAVEDAKHTARSPECIAL

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1 JAN 2020 AT 14:31

क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा / जावेद अख़्तर

क्‍यों डरें ज़िन्‍दगी में क्‍या होगा
कुछ ना होगा तो तज़रूबा होगा
हँसती आँखों में झाँक कर देखो
कोई आँसू कहीं छुपा होगा
इन दिनों ना-उम्‍मीद सा हूँ मैं
शायद उसने भी ये सुना होगा
देखकर तुमको सोचता हूँ मैं
क्‍या किसी ने तुम्‍हें छुआ होगा

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25 SEP 2019 AT 18:25

हाल न इस पल का पूच्छो,
कुछ कहूं या
तुमको देखता रहूं...

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25 DEC 2018 AT 18:27

वो बंदिशों से कहता था..
मैं तुमको तोड़ सकता हूँ !!

सहूलतों से कहता था..
मैं तुमको छोड़ सकता हूँ !!

हवाओं से वो कहता था..
मैं तुमको मोड़ सकता हूँ !!

अजीब आदमी था वो…



...जावेद अख़्तर

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16 OCT 2020 AT 17:46

"Whatever I wish to say is easy to deduce;
when what i say, turn in to your wish.."

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3 JUN 2020 AT 18:42

तुमको देखा तो यह खयाल आया,
जिंदगी धूप हैं और तुम एक साया,
आज फिर से दिल ने एक तमन्ना की
आज फिर दिलको हमने यह समजाया,
तुम चले जाओगे तो सोचेंगे,
हमने क्या खोया, हमने क्या पाया,
हम जिसे गुनगुना नही सकते,
वक़्त ने ऐसा गीत क्यों गाया.....
-javed akhtar.

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26 DEC 2019 AT 13:15


हर ख़ुशी में कोई कमी सी है / जावेद अख़्तर

हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है हँसती आँखों में भी नमी-सी है

दिन भी चुप चाप सर झुकाये था रात की नब्ज़ भी थमी-सी है

किसको समझायें किसकी बात नहीं ज़हन और दिल में फिर ठनी-सी है

ख़्वाब था या ग़ुबार था कोई गर्द इन पलकों पे जमी-सी है

कह गए हम ये किससे दिल की बात शहर में एक सनसनी-सी है

हसरतें राख हो गईं लेकिन आग अब भी कहीं दबी-सी है

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25 SEP 2019 AT 13:30

ajiib aadmi tha woh
Mohabbaton ka geet tha
baghavaton ka raag tha
kabhi woh sirf phuul tha
kabhi woh sirf aag tha
ajiib aadmi tha vo

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1 AUG 2018 AT 11:34

हुम् तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ दिल की गली में खेले थे -जावेद अख्तर

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17 JAN 2018 AT 9:43


Galat baaton ko khomoshi se sunna haami bhar lena,
Bahut hain faayde ismen magar achcha nahin lagta|

Mujhe dishman se bhi khuddaari ki ummeed rahati hain,
Kisi ka bhi ho sar, kadmon mein sar achcha nahin lagta

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17 JAN 2022 AT 17:10

Huq'goi Me'n Dreeg
Nahi Karta
Be'bak Sach Khe Deta
Hai woh
حق گوئی میں دریغ نہیں کرتا
بے باک سچ کہہ دیتا ہے وہ

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