माझा वाढदिवसानिमित्त आपण सर्वांनी विविध माध्यमातून आपण प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्षरित्या शुभेच्छारुपी स्नेह व्यक्त केल्याबद्दल सर्वांचे मनःपूर्वक आभार
संकल्प इंगळे-
जिंदगी के अच्छे बुरे तजुर्बे से सबक सीखते रहेंगे जिं... read more
गीतकार / Lyricist: साहिर लुधियानवी-(Sahir Ludhianvi)
मुहब्बत कर तो लें लेकिन, मुहब्बत रास आये भी
दिलों को बोझ लगते हैं, कभी ज़ुल्फ़ों के साये भी
हज़ारों ग़म हैं इस दुनिया में, अपने भी पराये भी
मुहब्बत ही का ग़म तन्हा नहीं, हम क्या करें
तुम्ही कह दो, अब ऐ जाने-अदा, हम क्या करें
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मेरे हाल पर हंसने वाले
बड़े अजीब है ये दुनिया वाले
सूरत से अच्छे दिल के काले
सामने लगते हैं सच्चे पर
सोच पे इनके झूठ के ताले-
हमे समझना थोडा मुश्किल है
क्योकि हम वो किताब है जिसमे
अल्फ़ाज़ कम है और जज़्बात जादा-
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया / साहिर लुधियानवी
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
बरबादियों का सोग़ मनाना फ़ुजूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पर लाता चला गया-
सबकी अपनी अपनी दुनिया है
सबकी अपनी एक कहानी है
यहा हर कोई तन्हा है अपने आप में
सबको अपने दिल की बात
किसी ना किसी को बतानी है-
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया - साहिर लुधियानवी
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
किस लिए जीते हैं हम किस के लिए जीते हैं
बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया-