"मोहब्बत तो सब कमा लेते हैं...
लेकिन ईर्ष्या कमानी पड़ती है...
और यक़ीन मानिये ज़नाब...
हमने ईर्ष्या कमाने के लिए बहुत कुछ खोया है..."
❤️😊😊😊😊😊❤️-
जब तक हमारे अंदर ईर्ष्या
क्रोध , द्वेष और कुण्ठा है तब
तक ये साल बदलने से कुछ
नहीं होगा जब तक कि हम
स्वंय को नहीं बदलते🙏🏻🙏🏻-
ईर्ष्या
हर इंसान ईर्ष्या का भागी है
हर मनुष्य के मन में ईर्ष्या नाम का पापी है
किसी के रंग से ईर्ष्या तो किसी के रूप से ईर्ष्या
किसी के पहनावे से ईर्ष्या तो किसी के तरक्की से ईर्ष्या
जब ईर्ष्या को मनुष्य ने दे दिया अपने मन में घर
तब एक अच्छे इंसान को बना दिया इसने जहर
जब ईर्ष्या हो जाए तो अपने भी नहीं अच्छे लगते
और हम घुट घुट कर अपने मन में ही मरते रहते
जिसकी बनी ना कोई दवा ईर्ष्या ऐसी बीमारी
रह तू इससे दूर ओ बंदे देता यह बहुत दुख प्यारे
कभी न खुश तू रह पाएगा गर पाली तूने ईर्ष्या है
मन में बस ईश्वर को रख ये जीवन एक ही मिलता है-
सुख महत्वाकांक्षा को जन्म देता है और महत्वाकांक्षा हमारी ईर्ष्या का प्राभ्यास है।*
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जीवन तो सत्य है
ईर्ष्या और मोह से परे हैं
मोह न हो किसी से
ये प्रेम मोह से परे है-
अगर कोई आपकी ईर्ष्या करता है तो
ना उन पर गुस्सा हो और
ना ही उनसे नफरत करो
क्योंकि
ऐसा करके वो खुद ही साबित करता है
की आपका व्यक्तित्व उनसे बेहतर है-
कुछ राज जो आँखों में गहरा है
अन्दर रंजिश और बाहर मुस्कान बैठा है
पहचान उसकी बस ईर्ष्या से झलकता है
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छल ,कपट , ईर्ष्या और द्वेष
इसके समक्ष कुछ ना शेष,
गैरों की तो बात ही छोड़िए
अपनों ने धरे हैं इसके भेष.....-
Mat jal kisi ki kamyaabi se...
Ki tune uske peeche ka sangharsh nahi dekha...
Karna hi h, to kar le tu bhi mehnat..
Tujhe kisne roka...
Aakhir tere hatho m bhi to, h vahi rekha...-
काम से क्रोध उत्पन्न होता है,
तथा क्रोध से लोभ,
लोभ से मोह,
एवं मोह से इर्स्या ।
जो व्यक्ति इर्श्यालु होगा, स्वभाविक है की वो एक बुरे किस्म का
निंदक भी होगा ।
आतएव, सार ये है की, इन उपरुकत् वर्णितो के त्याग से ही मनुष्य योनि को उद्धार एवं उत्थान प्राप्त हो सकता है ।-