प्रेम की मृगमरीचिका से बाहर निकला मनुष्य सत्य की खोज अवश्य करता है किंतु सत्य तबतक उससे दूर रहता है जबतक वो सत्य और असत्य के बीच के भ्रम का पुल पार नहीं कर लेता।
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हसीन चेहरे की ताबिंदगी मुबारक हो
तुझे ये साल-गिरह की ख़ुशी मुबारक हो ।*
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हिन्दू, मुस्लिम, जैन या फिर पारसी मिले,
ऐ ख़ुदा, मुझे हर जनम मिट्टी बनारसी मिले।*
मैं फिरूं इस दुनिया में चाहे जहां भी,
मुझे कफ़न मिले, तो बनारसी मिले।*-
जीत तो जाऊं उसकी हर बाजियां, गुलफाम
मगर ख़ुद को हार जाने की तसल्ली कहां मिलेगी।*-
एक सफ़ल मृत्यु के लिए किया गया संघर्ष,
सफ़लता के लिए किए गए संघर्ष से कहीं बड़ा होता है।-
तुम्हारी साजिशों पे गुरूर, वाजिब है तुम्हारा
तुम औलिया-ए-सुखन उसकी, वो गालिब है तुम्हारा।*-
आश्ना कैद हैं बर्ज़ख़ में, और दुआएं बेअसर हो रही हैं
ज़नाजे की उल्जत है, कि मेरी मौत बेसबर हो रही है।*-
पुरुष के लिए मृत्यु महत्वूर्ण होती है,
परंतु स्त्री के लिए अस्तित्व
अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।*-
आपको इसलिए प्रेम नहीं किया जाता कि आप कौन हैं,
बल्कि इसलिए किया जाता है कि आप क्या हो सकते हैं।*-
आंसू और कुछ नहीं, बस आपकी इच्छाओं का पानी बन जाना है..... और जब ये होता है तो समझिए कि हार निश्चित है।
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