कान्हा जी   (कान्हा)
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Joined 8 November 2020


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Joined 8 November 2020
23 MAY 2021 AT 13:45

ईच्छा हो कुछ पाने की तो रास्ता मिल ही जाता है
बस उम्मीद और दृढ़ निश्चय होना चाहिए
फिर ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाते है
विश्वास और सम्मान है तो मिलना भी तय है
जो भक्त है श्री राधे का उसका रास्ता भी तय है

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22 OCT 2021 AT 8:49


प्यारी सी जिसकी मुस्कान है
वो आदिशक्ति नारी है

जिसके प्रेम से चलती हर स्वांस है
वो नारी शक्ति प्रेम है

जिसे कोई परास्त नहीं कर सकता
वो नारी शक्ति दुर्गा है

जिसकी सेवा करने से सारे धाम पूर्ण हो जाए
वो प्यारी नारी शक्ति पराशक्ति है

जिसके सहयोग से मुझमें स्वास है
वो नारी शक्ति को मेरा हृदय से नमन है

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17 OCT 2021 AT 13:54

प्रतीक्षा वो पल है जो जीवन को
सुकर्म से सींचता है - सुयोग्य

जैसे एक शक्ति के रूप अनेक है
उसीप्रकार प्रेम के कई रूप है

कोई साथी प्रेम को साथ कहता है
तो कोई साथ रहने को प्रेम कहता है

स्वरूप कितने भी बदल जाए
प्रेम तो प्रेम ही कहलाएगा

मीरा हो या राधा, है तो प्रेम की देवी ही
कृष्ण कहो या गिरधर गोपाल है तो
एक ही प्रेम के अनेक रूप साकार

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15 OCT 2021 AT 11:43

🌹 राधे राधे 🌹

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2 SEP 2021 AT 19:08

राधे राधे बोल बन हृदय में उतर जाती हो
पल पल क्षण बन जीवन बन जाती हो

छोटे बड़े कदमों से ब्रह्माण्ड नाप लेती हो
परिशुद्ध भाव को अपनी पूजा समझ लेती हो

उचित अनुचित स्वभाव को स्वयं भेद कर लेती हो
मार्ग परिस्थिति जीवन की तुम निर्मित करती हो

रंग रूप और चेहरे पर रौनक तुम लाती हो
दुख दर्द पीड़ा को सुख में परिवर्तित कर देती हो

एक स्वर में प्रेम पाकर अपना कृपा बरसाती हो
धैर्य क्षमाशील करुणा प्रेम की देवी कहलाती हो

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27 AUG 2021 AT 13:05


मेरे दिल की वो बात हो आप
डूबते तिनके का सहारा हो आप

मेरी प्यारी दुलारी हो आप
मेरे दिल में समाए हो आप

किसी भी रूप में रहो आप
क्षण भर में महसूस होगी आप

मेरी अंतिम प्रतीक्षा भी आप
मेरी हर पल की खुशी भी आप

पल में चुभा पीड़ा भी आप
पीड़ा को सहने वाली भी आप

मेरा प्रेम भी आप जीवन भी आप

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25 AUG 2021 AT 8:04

इतना प्रेम कैसे श्री राधा
इतना सहना क्यू पड़ता है
आग से भरी दरिया को
पार क्यू करना पड़ता है
प्रेम इतना सुंदर क्यू है
क्यू इतना कठिन है
सबको कमी बहोत सारी है
ये मात्र जरिया क्यू बन जाता है
जीने का मात्र वजह बन जाता है

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24 AUG 2021 AT 7:47

कभी कभी मईया मन करता है
पूरी कायनाथ का गुनाह अपने सर ले लू
और सभी के दिल को प्रेम से भर दू

कभी कभी मईया हृदय कहता है
मैं सभी के हृदय पर राज करू
और प्रेम का एकसाथ अर्थ समझाऊ

कभी कभी मईया दिल करता है
जिस किसी के आखों में आंसू आए
उन सभी के आंसुओ को पी जाऊ

दिल ही तो है स्वभाव है प्रेम करना
और प्रेम की भाषा बोलना
ये नाही हमेशा सुखी रहना चाहता है और
नाही हमेशा दुख रहना ,सिर्फ चाहता है
औरो को आगे बढ़ाना, सफल बनाना
और उनकी खुशी में झूमना

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22 AUG 2021 AT 9:50

रक्षाबंधन कोई बंधन नही
स्वतंत्रता का भाव है
बिन डोर बंधा है जो वो
भाई बहन का रिश्ता है
ये प्रीत भी उसी दिव्य ज्योति
ज्ञान की तरह है जिसमे
न मां के प्रेम का अंत है
और न ही बहन के प्रेम डोर का
ये डोर है एक दूसरे के प्रति सम्मान का
जिसमे समर्पण है एक दूसरे के प्रति विश्वास का

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21 AUG 2021 AT 7:20


मेरे धड़कते दिल को अपने पल्लू से बांध लीजिए
जो गिर गया तो अपने हृदय से लगा लीजिए

आखों की नमी, आखों की लालिमा आपसे है
आपको देखे ये नयन काफी अरसे आपसे हो गए है

अपने लब्जो से मेरे नाम का उच्चारण कीजिए
जो मैं कभी लड़खड़ाया मेरा हाथ पकड़ लीजिए

हृदय से हृदय की बात हो ऐसा आशीष दीजिए
जो कभी राह भटकू तो आप सुधार दीजियेगा

आपसे दूरिया बढ़ जाए तो भी साथ दीजियेगा
जो हाथ छूट जाए तो हृदय में साथ दीजियेगा

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