इमारतें बुलंद हुई अब्र मुड़ गए
दरख़्त कट गए परिन्दे उड़ गए
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पहले खूब चलती थी बल खा के और लहरा के
ऊंची इमारतों ने पंख कतर दिए ठंडी हवाओं के
हवा,पानी धरती जंगल, लोग और न जाने क्या क्या
सब मिलावटी हो गया, सिवाये सूरज की शुजाओ के-
औद्योगिक क्रांति एवं संभावनाओं की धरती अफ्रीका।
Africa, the land of industrial revolution and possibilities.-
કુદરતના સૌંદર્યની વચ્ચે
ખીલી ઉઠેલુ ઔદ્યોગિકીકરણ
કે
ખટકી રહેલુ ઔદ્યોગિકીકરણ ?-
Humans are creating PROBLEMS.
and
find out SOLUTIONS.
But many survivors died between these two creations-
CSR Initiatives
ख़्वाब देखकर मुनाफा कमाना सिखाया था तुने
इस बेरोजगार को मेहनती बनाया था तुने
जिन कारखानों को मजदूरों का हक लेते देखा था न,,,,,,,
उन्हें भी जिंदगी का उम्मती बनाया था तुने।
फिर एक दिन ऐसा आया सब सूना हो गया
तेरे अक्श कि साजिशों में तेरा दिल दफ़न हो गया ।
तुझे बचाने कि कोशिशों में मेरे दिलो-दिमाग दोनों शामिल थे,
पर मैं तेरे दिल को न बचा पाया
तेरी शहादत को सलाम हैं मेरा
यकिन रख मैं तेरी उम्मीदों से ही अब जिंदा रहूंगा।
Corporate Sector Responsibility
Note- कारखाना=mind , मजदूर=emotions
©aaftab1995-
दौलत में इज़ाफ़ा हुआ, रिश्ते बट गए
दोस्ती धुंधला गई, नाते कट गए।-
There Is A Constant Vibe Of More....
But Not Enough To Be Satisfied, These Days...-