"तेरे शहर से अच्छा मेरा गांव हैं"
पिता की बातें हैं, सच्ची ज़ज़्बातेँ हैं,
माँ के आंचल में ममता का छांव है।
तेरे शहर से अच्छा............
पौधों के फूलें हैं ,पेड़ो के झूले हैं
नीम और पीपल की ठंडी छाँव है।
तेरे शहर से अच्छा ...........
स्कूली बस्ते हैं ,कच्चे रस्ते हैं ,
बच्चों के दौड़ते हुए नंगे पांव हैं।
तेरे शहर से अच्छा..........
नहीं जलते तरक्की से,दोस्ती पक्की से,
बड़े -बुजुर्गों का लगता यहां ठाँव है।
तेरे शहर से अच्छा............
बचपन की यादें हैं, छोटी तलाबें हैं
उनमें चलते हुए कागज के नाव हैं।
तेरे शहर से अच्छा.............
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