ना जीने का शौक था
ना मरने की चाह थी
कर दी जिंदगी तबाह मेरी
ये गैरो की चाल थी ......-
Hate uh ➕ leave it = healit
Leave it coz hate uh
Hate uh then leave it
After a time uh can healit ..
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अब तो मुझे खुद से ही नफ़रत
होनी लगी है मेरे खुदा
कुछ ऐसा रास्ता अदा कर जिस पर
चल मैं तेरे पास आ सकूं
तुने जो जिन्दगी मुझे तोफे में
उधार दी है उसकी
किश्तें भी ब्याज में लेकर अपनी
सांसें भी तुझे लौटा सकूं।।
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मैंने पिंड दान कर दिया अपने अरमानों का,
मैंने मुखाग्नि दे दी अपने प्यार को
अब प्यार मोहब्बत सब धूल समान लगते हैं साहेब
शायद मेरा पुनर्जन्म हुआ है ऐसे
जीवन मिला हो मरते को जैसे।।-
Pyaar vyaar mere kaam ki cheez nai
Main toh khud ki masti mein mast rehti hu
Mujhe kisi dusre ki zaruratich nai-
जमीनी फैसले को आसमानो से नही करते
मोहब्बत अपने से उंचे घरानो मे नही करते-
Itni nafrat bhi paida mt kr apne liye..
Teri maut pr bhi na aa sku tujhe dekhne ke liye..
Ye mere liye bhi ashan nhi hoga
Magar rok lungi akhon se behte ashu
Sirf tere liye..-
ऐ हवा...बस इक आख़िरी पैगाम उस तलक पहुंचा दें
मैं लिखने जा रहा हूँ आख़िरी ग़ज़ल ये बात उसे बता दें-