"अंधेरा जितना गहन होगा,अंधेरे से निकलने की चाह भी उतनी ही तीव्र होगी"!!
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मेरा कोई रंग नहीं।।
सभी मनुष्यों का सृजन एक ही प्रक्रिया व एक ही स्थान से होता है, इसलिए अच्छे और बुरे जैसी अवस्था मात्र कल्पना है,इस संसार में न अच्छे की बहुलता है और न ही बुरे की अपर्यप्तता है।।
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सच,झूठ जितना खूबसूरत नहीं हो सकता क्योंकि सच में झूठ जितना सम्मोहन नहीं होता!!
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गर्म दोपहर की ढलती हुई शाम शराब की तलब को जगाती है, उठो... कुछ घुट लगा लो,हालांकि तुम्हारी बाहों के मायने ये कुछ बोतले नही नाप सकती, मैं लम्बी छुट्टी पर मयखानों तक भाग जाना चाहता हूँ,खैर!...ये जानते हुए भी कि बहकी गंध से भरी काली जगहों पर भी तुम्हारी नमी की चाह दिल से नही जा सकेगी...!
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मौन हो जाना मेरी सबसे बड़ी दुर्बलता है,कई यातनाओं के भावों को चुपके से दिल के भीतर दफन करना पड़ता है, जिसका कोई हिसाब नही होता,बेतहाशा सिसकियों के आवाज़ में मुझे खुद को छुपाना पड़ता है, ताकि मेरी कमजोरी कोई जान न पाए....!
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तुम्हे प्रेम उससे हुआ जो कभी तुम्हारे भाग्य में नही था,पर तुम मेरे भाग्य में थी ओर मुझे तुमसे प्रेम हुआ पर तुम कभी मुझसे प्रेम नही कर पाई खैर!... जिंदगी हम दोनों की ही बर्बाद हुई तुम्हारे प्रेमी को जिससे प्रेम हुआ वो उसे मिल गई, बस हम दोनों का प्रेम कभी मुकम्मल नही हो पाया...!
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मैं हर क्षण,हर वक़्त,हर पहर,हर दिन तुम्हे याद करता हूँ,कुछ प्रेम के अंश यहाँ पर लिखता रहता हूँ,
यें बताने के लिए कि मैं तुमसे कितना प्रेम करता हूँ..शायद किसी दिन तुम यहाँ आओगी और सब पढ़कर सोचोगी ये कौन पागल है की इसे कितना स्नेह और प्रेम हैं,जब तुम ये सब पढ़ोगी तो तुम्हे इसका एहसाह होगा ये जितना कुछ लिखा गया है सब तुम्हारे लिए है....!-
जब भी मैं जिंदगी से ऊबने लगता हूं,थकने लगता हूं तब मैं लिखता हूं.. कई ऐसी बातें अतीत की स्मृतियां जो मस्तिष्क में इकट्ठी हो जाती हैं जिन्हें क्रमवार मैं किसी से साझा नहीं कर सकता, जब मन का अन्तर्द्वंद बढ़ सा जाता है, ऐसा नहीं कि लिखने से सब यथावत हो जाता है,पर अन्तर्मन शांति के कुछ क्षण ज़रूर अनुभव कर लेता है....!
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पीड़ाओं का कभी पूर्णतया अंत नहीं होता वो सिर्फ कुछ पल के लिए कम होती है,हमें छलने के लिए ताकि हम भूल सके पिड़ाओ का स्वरूप और हो सके क्षण भर के लिए छल से प्रसन्न,अंत होता है.. केवल जीवन का,सुख का,हमारी पसंद का,हमारी इच्छाओं का,हमारी घुटन का और अंत में हमारी सांसों का...खैर!...ये अंत ही आवश्यक है....!
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चले जाना नियति का फैसला हो सकता है मगर आंसुओ का गिरना व्यक्तिगत चुनाव है,आप खुश है क्योंकि आप जानते है फायदे,आपकी आँखों में उम्मीद है,खैर!...मेरा दुःख इस बात से है कि सब मिल गया तो भी ये खालीपन बरकार रहेगा...!
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