समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितना बवाल होता
हकीकत सारे ख़्वाव होते, तो सोचो कितना बवाल होता
किसी के दिल में क्या छुपा है, वो बस खुदा जनता है
अगर दिल, बेनकाब होते तो सोचो कितना बवाल होता
थी ख़ामोशी हमारी फितरत में, तभी तो निभाए रिश्ते
अगर मुँह में हमारे भी जवाव होते तो सोचो कितना बवाल होता
हम तो अच्छे थे पर लोगो की नजरो में बुरे ही रहे
अगर सच में बुरे होते तो सोचो कितना बवाल होता
हर इक रिश्ता मतलबी है, मतलब तक ही ठहर पता है
अगर रिश्तो को आजमाना आसान होता, तो सोचो कितना बवाल होता
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