कफ़स ए मोहब्बत में पनाह मिल जाये
तुम तक जाती हुयी कोई राह मिल जाये
कोरे कागज पर दस्तखत करके बैठी हूं
सजा मिल चुकी, अब गुनाह मिल जाये
दिल की तलाशी से इसलिए खौफजदा हूं
ना जाने किस कोने में दवी आह मिल जाये
ढूंढो दिलो के मलबो में सिद्दत से मुझे
तुम्हे भी शायद, कोई तुम सा तबाह मिल जाये
फ़साने खूबसूरत बने हो,फरेब के उजालो से
गर दिल लगा सिद्दत से, तो पनाह मिल जाये
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