बेटी की हर ख़्वाहिश पूरी नहीं होती
फ़िर , भी बेटियां कभी भी अधूरी नहीं होतीं ,,
" बेटी दिवस की हार्दिक बधाई " 🙏-
Happy Daughters Day
आईच दुसर रूप आसतात मुली
मायेचा झरा आसतात मुली
वडीलांची सोनुली तर दादाची ताई आसते मुलगी
घराच घरपण आसतात मुली
वडीलांच पूर्ण विश्व आसतात मुली
संसाराच्या आत्मा तर समाजाच्या आरसा आसतात मुली
जीवनाच्या शिल्पकार तर जगण्याच्या प्रेरणा आसतात मुली
काळजाच्या तुकडा आसतात मुली
जगाला पडलेल सुंदर स्वप्न आसतात मुली
जगाची जननी व श्रष्टीच खर सौन्दर्य आसतात मुली.-
Happy Daughters Day
आईच दुसर रूप आसतात मुली
मायेचा झरा आसतात मुली
वडीलांची सोनुली तर दादाची ताई आसते मुलगी
घराच घरपण आसतात मुली
वडीलांच पूर्ण विश्व आसतात मुली
संसाराच्या आत्मा तर समाजाच्या आरसा आसतात मुली
जीवनाच्या शिल्पकार तर जगण्याच्या प्रेरणा आसतात मुली
काळजाच्या तुकडा आसतात मुली
जगाला पडलेल सुंदर स्वप्न आसतात मुली
जगाची जननी व श्रष्टीच खर सौन्दर्य आसतात मुली.-
फूल से नाज़ुक
महताब से सुंदर
सूर्य से ज़्यादा तेजमयी
होती हैं बेटियाँ
घर को घर बनाने वाली
बे-हिसाब रिश्ते निभाने वाली
परिवार का मान बढ़ाने वाली
होती हैं बेटियाँ
बन लक्ष्मी जीवन में आती हैं बेटियाँ
पुरुष को पुरुषार्थ सिखाती है बेटियाँ
सबसे अच्छी दोस्त बन जाती हैं बेटियाँ
हाँ कुछ ऐसी ही तो
होती हैं बेटियाँ-
सुनो बेटी..
मन की सुनो,
अरमां की डोर से
अब जीवन को बुनो।
मधुर बनो
खिलने के लिए
घाव को नहीं
सिलने के लिए
सुनो बेटी
अपना ख़्याल रखो,
समाज के भ्रम से
मलाल न जियो,
खिलो बेटी..
सुमन की तरह,
तुम मिलो बेटी आसमां से
और कहो,
तुम्हें उड़ना है भोर तक,
फिर कहो,
घनकोर बादल से,
कि तुम्हें डटकर
बने रहना है
भू पर्यंत तक..
जियो बेटी...!!
शामिनी मिश्रा✍️
-
हर किसी की ख़्वाहिश पुरी नहीं होती
क्योंकि हर किसी को बेटी नसीब नहीं होती।
Happy Daughter's day
😊😊-
इनके सिर्फ घर में होने से पूरा घर महक जाता है,
इनकी बक-बक से पूरा घर गूंज उठ जाता है।
ये ना दिखे कभी घर में तो शमशान सा लगता है,
इनकी सिर्फ एक मुस्कराहट से सारा दिन बन जाता है।
ऐसी ही तो होती है "बेटियाँ",
जिस घर में हो उसे स्वर्ग बना देती हैं,
घर के हर कोने को अपनी खिलखिलाहट से घर भर देती हैं।
माँ बाप जानते है, की एक रोज़ चले जाना हैं इन्हें,
बाबुल घर छोड़कर पिया का घर बसाना है इन्हें।
फिर भी बेटों हर फर्ज निभाती हैं "बेटियाँ",
ये ऐसी ही होती है, बेटों से बढ़कर होती हैं "बेटियाँ"।-
एक बाप के आंखों का अभिमान बेटी
उस मां कि आंचल में उसके परछाई सी बेटी
अपने भाई के अनोखे रिश्ते में रहती दोस्त सी बेटी
अपनी रौशनी से एक नहीं दो घर रौशन करतीं बेटी
तूं गर्व कर बेटा नहीं तूं है एक बेटी
नन्ही कदमों से खुशियां लाती बेटी
मां-बाप के आंखों का तारा है बेटी
अपनी विदाई के वक़्त आंखों में आसूं लाती है बेटी
ना जाने कितने सपने बुनती है बेटी
बेटों से कभी कम नहीं है कोई बेटी
तूं गर्व कर बेटा नहीं तूं है एक बेटी-