Avi Abhishek   (Avishek)
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Joined 1 November 2018


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Joined 1 November 2018
7 JAN AT 23:56

तुम्हे मिलेंगे लोग कई,
मुझे मिले सिर्फ तुम्ही,

तुम्हे हर गलती की माफी मिली,
मुझे ना मिला एक सफ़ाई कोई ।।

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4 MAR 2024 AT 0:24

वो हर दुआ में हमसे दूर जाने की दुआ मांगते रहे,
हम हर दुआ में उनकी दुआ कबूल मांगते रहे,

फिर भी ना जाने कौन सी अधुरी ख्वाहिश रह गई उनकी,
जो आज दूर होकर भी हमारे हर कविता की रूह बनते रहे ।।

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3 MAR 2024 AT 1:28

तुम राज हो अनकही मेरी,
मेरे ख्वाबगाह बनोगी क्या ?

मैं हुं शाम-ए-चीराग सा जलता हर रोज,
तुम समां -ए-परवाने सी रौशन करोगी क्या ?

मैं अक्सर खामोश हो ठहर जाता हूं,
तुम इनमे दबी चीख मेरी सुनोगी क्या ?

और ये सब छोड़ों सिर्फ एक बात कहो,
मेरे गुमनामी में मुझे थामे रहोगी क्या ?

कभी समझा पाऊं तुम्हें अपने बारे में,
तुम अकीदत हमारी बनोगी क्या ?

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12 FEB 2024 AT 1:16

“राधा रानी”

अधुरी मोहब्बत कि मुकम्मल कहानी है वो,
श्री कृष्णा कि पहले भी, उनके बाद भी है वो,
अदृश्य बंधन में बांध, अदृश्य स्नेह से वो,
पवित्र रिश्ते की नींव, राधा रानी हैं वो ।।

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29 JAN 2024 AT 23:34

इन आंसुओं से बने रिश्तें को,
एक नया नाम देते हैं,

आज अल्फाजों से नहीं,
खामोशियों में तेरी बातें करते हैं,

न जाने गुम कहा हो गए इस भीड़ में

जो दिल में रहते थे कभी,
आज आंखों से बहे जाते हैं ।।

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17 JAN 2024 AT 0:42

हर राज़ का मेरी समुंदर हो तुम
ना जाने किस ओर जाओगी वो नदी हो तुम
हम ठहरे रह गए उन किनारों किनारों कि तरह
जिन्हें कभी छूं कर तो कभी मोड़ कर गीले कर देती
हो तुम

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29 DEC 2023 AT 19:38

माना कि मना किया है तुमने,
तुम्हारी बात मानने कि मर्जी भी मानी है मैंने,
ना जाने क्यों अपने को नहीं समझा पा रहा मैं,
कि क्यों ऐसी अर्जी मांगी है तुमने ?

जो सोचा था ऐसा हुआ ना हमारे,
इन राहों को छोड़ा हमने अब खुदा के सहारे,
तुम्हे कैसे बताएं कि हमारे दिल में है क्या ?
तुम धड़कन थी हमारी, हम जीने लगे थे ,
“तुम्हारे सहारे”

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27 SEP 2023 AT 1:27

है साहिल सी आंखों में तेरी,
यूं चमकता कोई चांद का टुकड़ा तो जरूर होगा।

आ खिड़की पर बैठ मेरी,
मुझको भी देखता तो वो जरूर होगा।

न जाने कब से बैठा उस रात जागता रहा,
वो दूर होकर भी हमारे लिए सोचता तो जरूर होगा ।।

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27 AUG 2023 AT 3:02

हम तब तक अपने ही गलतियों से नहीं सिखते,
जब तक हम अपनी ही गलतियों को नहीं अपनाते ।

“हो गर तो माफ कर देना मुझे ।”

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8 AUG 2023 AT 23:14

हमने उस दोस्ती में अपनी मोहब्बत ढुंढ ली,
जिसमें शायद शामिल उनकी दोस्ती तक न थी।

बस इतना ही गुनहगार हूं मैं,
हमने उनको अपना माना जो हमें समझें ही नहीं ।

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