कमियां तराश कर मेरी
मुझे अपने काबिल बना ले
बन जा तू हाफ़िज़ मेरा
मुझे अपना शागिर्द बना ले-
Let us be like
Two falling stars in the day sky.
Let no one know of our sublime beauty
As we hold hands with God
And burn
Into a sacred existence that defies -
That surpasses
Every description of ecstasy
And love.
- Hafiz-
सलीका-ए-राह मोहब्बत में ख़ुदा ही हाफ़िज़ हैं,
इसमें बहूत सारे सख़्त मक़ाम आते हैं...-
दास्तान तेरी मेरी कितनी अजीब है
पास तू नहीं......
फिर भी सबसे करीब है.....
खुदा हाफ़िज़ oh मेरे यारा...-
दिल मी-रवद ज़े-दस्तम साहेब-दिलाँ ख़ुदा-रा
दर्दा कि राज़-ए-पिन्हाँ ख़्वाहद शुद आश्कारा
(ऐ दिल वालो, मेरे हाथ से दिल निकला जाता है
अफ़्सोस कि पोशीदा राज़ अब खुल जाएगा)
✍🏼 हाफ़िज़ शिराज़ी-
हे हाफ़िज़, आलिम, आबिद, मुफ़्ती, कारी
सब हे इस शहर मे
एक में नमाज़ी था सो काफ़िर बन गया।-
मुसलसल जिंदगी
कट रही है मुझमें यूँ ही,
कि कल चिराग उम्मीद का,
कहीं फूटेगा मुझमें।
ये आफताब मेरा,
हाफिज हो ही नहीं सकता,
मिला था खुद की परछाई से,
जला था जब अंधेरे में।-
हाफ़िज़ हो गया हूँ मैं उस नामुराद दुश्मन का
अलिफ़ बे पे ते जबसे मोहोब्बत के पढ़े है।
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Chand mulaqato me
Use kuch batane wala tha
Mai usse milkar apni
Dukh sunane wale tha
Ki salam karte hi
usne kaha khuda hafiz-