Mayru gera   (mayru)
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Joined 15 June 2020


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Joined 15 June 2020
27 JUN AT 22:13

साथ तेरे चलते-चलते,
कितनी राहें आसान हो गईं,
प्यार तेरा क्या मिला मुझे,
जिंदगी भी मुझ पर मेहरबान हो गई।

हर खुशी में मेरा हाथ थामा
हर ग़म में मेरा सहारा बना
बीस बरस की इस डोरी में,
रिश्ता हमारा और प्यारा बना

आज भी वही अपनापन,
वही सुकून तेरे पास है,
सालगिरह के इस मौके पर,
तेरा साथ ही सबसे खास है।

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18 JUN AT 23:09

दोस्तों! 💫
मैंने एक नया सफ़र शुरू किया है — अपना पहला नॉवेल लिखने का! ✍️
और मैं चाहती हूँ कि आप सब भी इसका हिस्सा बनें।
कृपया उस प्लेटफॉर्म पर जाएँ, मुझे फॉलो करें और सब्सक्राइब ज़रूर करें।
आपका साथ मेरे लिए बहुत मायने रखता है

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16 JUN AT 0:06

मुझसे बहुत प्यार करती है
तभी तो छुपा लेती है ख़ुद में,
मरे मन का अन्धेरा।
यह मुझ से भी ज़्यादा मुझ पर एतबार करती है

हर रोज़ चुपचाप आकर
मेरे अनकहे शब्दों को सुनती है।
बिना कुछ कहे,
मेरे उलझे ख़यालों में थोड़ी सुकून बुनती है।

जब सारी दुनिया सो जाती है,
वो मेरे साथ जागती है।
मुझे मेरी ही तरह समझती है —
रात, सिर्फ अँधेरा नहीं,
एक गहरी सच्चाी शांति है।


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15 JUN AT 19:18

Ruby gera

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8 JUN AT 19:15

🎨🎨🎨🎨🎨

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5 JUN AT 20:09

पर्यावरण की पुकार

हरी-भरी थी धरती अपनी, नदियाँ गाती गीत,
फूलों से मुस्काती बगिया, हवा थी मधुर संगीत।

पेड़ों की छाँव तले था, सुख-शांति का डेरा,
कोयल की मीठी बोली से, गूंज उठता सवेरा।

पर इंसानों ने काटे जंगल, लालच ने ली अंगड़ाई,
नीला आसमां धुआँ हुआ, नदियों में घुली तबाही।

धरती रोई, पर्वत कांपे, सूख गए सब झरने,
साँसों में जहर घुला, जल गए कितने घरने।

अब भी वक़्त है, चेत जाओ, बचा लो यह जीवन,
पेड़ लगाओ, जल बचाओ, करो न इसका हरण।

हरियाली से प्रेम करो, लो प्रकृति की कसम,
साँसें रहेंगी जब सुरक्षित, तब जीवन होगा सरगम।

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21 MAY AT 13:22

मैं तुम्हारे जीवन की एक साधारण परछाई नहीं,
तुम्हारे हर दर्द की अनकही गवाही हूँ।
जब दुनिया ने तुम्हें अनसुना किया,
मैंने तुम्हारी ख़ामोशी में भी आवाज़ें सुनीं।

तुम्हारे बिना मैं हूँ, पर अधूरी सी
जैसे नदी हो, पर सागर से दूरी सी
तुम्हारा साथ मेरे अस्तित्व का कारण है,
तुम्हारा प्रेम मेरी आत्मा की जान है।

जब तुम टूटते हो, मैं बिखरती नहीं,
पत्थर बनकर तुम्हारे चारों ओर खड़ी हो जाती हूँ।

मैं सिर्फ पत्नी नहीं, तुम्हारी यात्रा की तपस्विनी हूँ,
हर जन्म में, हर रूप में… तुम्हारे संग चलने की कहानी हूँ।

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17 MAY AT 21:28

ज़िंदगी भर जिसने कमाया,
और खुशी मुझ पर लुटाया है।
ग़लत कहते हैं लोग
औरत ही सब कुछ सहती है,
मेरे वाले ने तो
अपने हक़ पर भी कभी हक़ नहीं जताया है।

थक कर आया, फिर भी मुस्कराया,
मेरे हर आँसू को अपनी आँखों में छुपाया।
कभी शिकायत नहीं, कभी तकरार नहीं,
हर मोड़ पर बस साथ निभाया है।

मेरे लिए अपने सपनों को भुलाया,
हर उम्मीद को मेरे नाम से सजाया।
मैं कहती रही — “मैं तुम्हारे बिना अधूरी हूँ”,
पर उसने तो मुझे खुद से पहले अपनाया है।

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17 MAY AT 21:24

नहीं है जगह किसी और के लिए,
जो है दिल में, वो बहुत है ज़िंदगी के लिए।

वक़्त गुजर गया, पर एहसास नहीं बदले,

जिसे चाहा दिल ने ज़िंदगी भर के लिए
वो ही काफी है इस सदी के लिए।

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5 MAY AT 23:40

उम्र से नहीं, कर्मों से होती है पहचान,
सिर झुकते हैं वहां, जहाँ हो सच्चा सम्मान।
बड़ा होना कोई गारंटी नहीं इज़्ज़त की,
काबिलियत हो, तब ही मिलती है इज़्ज़त और मान।….

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