He looks up at his grandfather ,
The way people in this room look at the shrine.-
मन्नतों की बौछार है, दरबार साहेब
जन्नतों में शुमार है, दरबार साहेब
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मेरा खुदा मेरी आत्मा में रहता है..
न कि किसी मंदिर, मस्जिद,
गिरिजाघर या गुरुद्वारे में..
हर पल मेरे साथ..!!"-
आजकल नौटंकी का आलम ये है कि लोग
मंदिर, मस्ज़िद, गुरुद्वारा और गिरजाघर में भी
नौटंकी से बाज़ नहीं आते..!!🤔-
मंदिर हों या मस्जिद
हों गिरजे या गुरुद्वारे
सारे मिलकर ढूंढ़ रहे
इंसान कहां हैं सारे-
हाथ को जोड़कर,मैं कुरान पढता हूँ,
गुरुद्वारे जाते वक्त रस्ते में,गिरजा हो लेता हूँ।-
Apne Gam Di Numaish Na Kar.....
Apne Nasib Di Azmaish Na Kar.....
Jo Tera Hai Tere Kol Khud Ayuga.....
Har Rojj Ohnu Paan Di Khwaish Na Kar.....-
अब क्या सोचे उन ख्वाबों को जो टूट गये
क्या पीछा करना उन सायों का जो रूठ गये
चालाक तेज तर्राररों से तो वाकिफ थे
हम को भोली सूरत वाले ही लूट गये
शांत था दरिया लहरों के निस्तेजों से
फिर जाने कैसे सभी किनारे छूट गये
सुकू चैन करार पाने की चाहत में
हम मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरूद़्वारे पूज गये।
Kavita Kumar
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NA SOCH BANDEYA ENNA
ZINDGI DE BARRNE,
JES NE ZINDGI DETE AE
US NE VE TA KUCH
SOCHYEA E HOWE GA
TERE BARRE.....-