ग्राहक अगर भगवान है तो क्यों ना मैं भी प्यार का सौदागर बन जाऊ
एक तुही बने लेनदार (ग्राहक) मेरा
और मैं तेरा मुरीद बन जाऊ-
थोड़ा तो छुट् दे दे गमों मे
ऐ जिंदगी..
मैं तेरा रोज का ग्राहक हूँ...-
ನಾ ನಿನ್ನ ಪ್ರೀತಿಯ
ಮೊದಲ ಹಾಗೂ ಕೊನೆಯ
ಗಿರಾಕಿ ಎಂದುಕೊಂಡಿದ್ದೆ,
ನೀ ಪ್ರೀತಿಯ ಹಳೇ ವ್ಯಾಪಾರಿ
ಎಂಬುದು ಈಗ ಬೆಳಕಿಗೆಬಂದಿದೆ!!
सोचथा, तुम्हारी मोहब्बत के
पहली और आखरी ग्राहक है हम !
अब मालुम हुआ, मोहब्बत के
पुराने व्यापारि है तुम !-
खून रिसते मजहबी दीवारों पे दरार पुराना है..
हर दिन ही बनते नए खुदा..संसार पुराना है..!!
ज़िन्दगी की शामो से फुर्सत निचोड़ गया वो..
ज़ख्म अब भी लगता नया..हाँ वार पुराना है..!!
आवाज लगाता वो फिर आया है गली में मेरे..
मैं ग्राहक..उसका दर्द का कारोबार पुराना है..!!
अँधेरी रातों में तन्हाई की दस्तक दरवाजे पे..
कोई बताए उसे..घर नया किरायेदार पुराना है..!!
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दुकानदारी की वैधयता सिर्फ इस बात पे निर्भर नहीं हैँ की आप किस उम्र के ग्राहक पकड़ते हो,
बल्कि इसबात पे निर्भर हैँ की किस उम्र वाले से बात करते हों,-
Ab vafa ki umeed bhi kis bewaafa se kar baithe..
Jiske pyar k shayad adhe ya,,adhe se bhi kam hisse dar hai hum...-