इंद्रदेव के घमण्ड को ठेस पहुंची,
जब गोकुलवासियों ने गोवर्धन पूजा की।
इंद्रदेव अहंकारवश क्रोध में आये,
गोकुल में भारी तूफानी वर्षा लाये।
कृष्ण जी ने गोवर्धन उंगली पे उठाया,
गोवर्धन ने सब गोकुलवासियों को बचाया।
इन्द्रदेव ने अथक प्रयास लगाये,
पर गोकुल का कुछ बिगाड़ न पाये।
गुरु ब्रहस्पति उन्हें गलती का अहसास कराये,
तब वे भगवान कृष्ण की शरण में आये।
इस अद्भुत लीला को देख सब गोकुलवासी हर्षाये,
फिर सभी ने श्रद्धा से मधुर गीत गाये।
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आप सभी को गोवर्धन🏔 पूजा🙏 की हार्दिक शुभकामनाएं
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