Just me when i got an interesting topic to gossip about
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कुछ बातों के मतलब नहीं होते
कुछ बातें बिल्कुल बेमानी होती हैं
कुछ बातों के सिर पैर नहीं होते
कुछ बातें बस यूं ही कह दी जाती हैं
क्योंकि बातें तो बातें हैं चाय की चुस्कियां लेते हुए कुछ बातें मुंह से निकल जाती हैं।।
मेरी लेखनी मेरे भाव...
लेखिका...
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सितारों से गुफ्तगू
चांद के पास शायरों की जमात,
हम तो सितारों से ही गुफ्तगू करते रहे,
भीड़ में होते कैसे शुमार?
हम तो बस खुद में ही गुम रहे।
ओढ़ कर रजाई सितारों की,
पूरी रात अपना फलसफा सुनाते हैं,
वे भी कुछ टीम टीमाकर,
हमारी हां में हां मिलाते हैं।
नींद के सहारे, वो ख्वाबों के शहर में ले जाते हैं,
कुछ चाहतें जिंदगी की,
हम भी वहां मुकम्मल कर पाते हैं।
सूरज की दस्तकें, फिर हकीकत से रूबरू करातीं हैं,
कुछ देर ही सही, ख्वाबों में,
जिंदगी चाहतों को चूम कर आती है।-
Har sham aati hai
Teri yaadein lati hain
Humari wo Chai Coffee wali gapshap
Palkon pe nami bhar jati hai-
चाय के इंतजार में न कटती राते
चाय के बहाने बढ़ती मुलाकाते
वो चाय की चुस्की और ढेरों बाते
जब चाय में दोनो बिस्कुट डुबोते
कुछ तुम्हारी सुनते कुछ अपनी बताते-
सुबह का वक़्त और कोई साथ हो, बातों का दौर और चाय की चुस्कियों का स्वाद हो,ऐसी सुबह भी हर किसी के नसीब में नही होती, अगर है आपकी हर सुबह है कुछ ऐसी तो फिर क्यों रोते हो कि तक़दीर हैं कैसी
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कुत्सित समाज की सोच....
हँसकर...पटा लेती हैं औरतें
ज़्यादा मेलजोल फ्रॉड होती हैं औरतें
जो रहें घर में बंद ...
घमण्डी या कमज़ोर होती हैं औरतें
निकलें जो कभी काम से तो
मुहल्ले की गपशप होती हैं औरतें
कौन आता कौन जाता है घर में
नज़र पैबंद होती हैं औरतें
जो साड़ी छोड़ पहना सूट जींस
तो मॉडर्न बेशर्म होती है औरतें
जीवन में सभी के है इसी से मसाला
तो सब्जियों का दाम बस होती हैं औरतें....😓-