मेरे मित्र गणेश
होकर मुझ पर सवार
जब तुम सैर को जाते हो,
अकृता रूप में तुम सबको
बड़ा गजब भाते हो।
अलमपता है रूप तुम्हारा
कर न सके कोई विनाश,
चाहे क्यूं न मिल जाएं
पाताल, धरती और आकाश।
आद्वितीयरूपी प्रभु हो तुम
है सब पर तुम्हारा आशीष,
पूरी दुनिया के ईश्वर हो कहलाते
अमित, अविग्र और अवनीष।
बाल चन्द्र बन जाते हो तुम
लिए शिखर पर चंद्रमा,
सबसे पहले हो पूजे जाते
बाल गणेश तुम, बलशाली भीमा।
तुम गणपति, तुम गजानन
तुम ही मेरे मित्र गणेश,
तीनों लोकों के देवी-देवों में
एक तुम ही मेरे विशेष।
हर संकट को हरने वाले
तुम हो सिद्धि-विनायक,
तुम ही मेरे एकमात्र स्वामी
और मैं तुम्हारा मूषक।
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"वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि सम्प्रभ"
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्यषु सर्वदा"
आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं-
जिनके मस्तक चंदा चमके,
जन्मदिवस है लाल का उनके,
मस्तक में ब्रह्मलोक विराजे,
मोदक के जो भोग लगावे,
बच्चों के जो मन को भावे,
लम्ब-उदर और आनन-गज सा,
मूषक रहता वाहन जिनका,
हर पूजन में प्रथम पूज्य जो,
गणपति, गजानन, लम्बोदर हैं वो ।
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ-
"गजानन"
मात पिता हैं ब्रह्मांड हमारे, आओ उनको सीस नवाते हैं,
प्रकृति के धारक, गजानन को आज, मोदक का भोग लगाते हैं,
सांकेतिक रूप में ही चाहे हम, चलो अभिमान को दूर भगाते हैं,
चन्द्र की है तिथि चार आज, श्रद्धा से सब, गणेश चतुर्थी मनाते हैं।
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*हे गजानना ओढ लागली तुझ्या दर्शनाची*
तुझ्या दर्शनाची ओढ़ लागली माझ्या मनी
अड़चनी मुळे दर्शन नाहीं तुझं या क्षनी
*खरच खूप ओढ लागली तुझ्या दर्शनाची*
तुला ही माहिती आहे भक्ती माझी तुझ्याविषयी ची
मग का अडचणी आणतोय दर्शनसाठी..
*खरच खूप ओढ लागली तुझ्या दर्शनाची*
मला माहिती आहे देते तू तुझ्या भक्तांना साथ कारण
तू मला नेहमीच न मागता दिली साथ
*खरच खूप ओढ लागली तुझ्या दर्शनाची*
जाऊ दे ना रे हा कोरोना
आणि येऊ दे ना तुझ्या भक्तांना तुझ्या दर्शनासाठी..
*खरच खूप ओढ लागली तुझ्या दर्शनाची*
माहिती आहे मला तु आहे प्रत्येक भक्तांच्या मनात
पण तुझ्यास्थानी आल्याशिवाय दर्शनाला आम्हालl पडेना चैन
*हे गजानना खरच खूप ओढ लागली तुझ्या दर्शनाची*
-Anjali
*!!गण गणात बोते!!*🙏🙏🏻
प्रगट दिनाच्य हार्दिक शुभेच्छा 🙏-
सुखकर्ता बन सुख देने वाले
दुखहर्ता बन दुख हरने वाले
मूषक की सवारी करने वाले
मोदक लड्डू का भोग लेने वाले
विघ्नहर्ता जैसे अनेको नाम वाले
आ गए बप्पा कष्टो को हरने वाले-
Jo apni maa kae liae,
apnae pita sae lad gaya,,
Krodh kia jab pita nae,
vo apni hatt par ad gaya,,
Apna sheesh katakar bhi,
maa sae jisnae apna vachan nibhaya,,
Tab jakar is sansar kae liae vo,, GANPATI,GAJANAN,GANESH ,Kehlaya!!-
Poem :- impetus
Looking towards stars, they are blinking
What they are telling i am thinking
They are always telling me new
These beautiful memories are few
Oh flowers , can i wear your beauty
Give me chance to do your duty
You are friend for every one
Remaining same what you had done
Life challenges are making you strong
Giving up them is truly wrong
Hope is the other name of life
Hopeless is like playing with knife
God blesses you, when you do efforts
And then brings you all the comforts
Show gratitude, respect for each
This is teacher, which is very reach
What you did for us is undescribable
Thank You for making us capable
You made us something in life,
By giving your advice and impetus
We are standing on our feet today,
Due to your support and stimulus
... written by
...@unconqurable ajay
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Apni galtiyon pe parda mat dalo..
Ye jo upar wala hai na use sabki khabar hai..!! 🌺-