"राजस्थान"
जहाँ वीरों की गाथाएं हैं,
मीरा बाई की रचनाएं हैं..
है महाराणा का अदम्य शौर्य जहाँ
जिसने अपने शहरों में रंग भरा..
जहाँ चेहरों पर मुस्कान है,
खेत, खलिहान और जहाँ पर, वृहत रेगिस्तान है..
जहाँ नाथद्वारा का धाम है,
जहाँ बालाजी का दिन, खाटू वाले की शाम है..
जहाँ ख़्वाजा और सांबर का दरबार है,
और ख़ूबसूरत राजहंसों की भरमार है..
जहाँ का बच्चा बच्चा है सूरमा,
लुभाता है जहां सभी को दाल, बाटी और चूरमा..
जहाँ कुछ को तो भानगढ़ डराता है,
सरिस्का, ताल छापर, भरतपुर और रणथम्बोर लुभाता है..
जहाँ पर मरुभूमि में मूमल गाया जाता है,
जहां का कालबेलिया और घूमर ख़ूब सुहाता है..
जिसका क्षेत्रफल अथाह है,
जिसके शौर्य का इतिहास ख़ुद गवाह है..
जहाँ के लोक गीत, नृत्य और परिधान बहुत ही न्यारे हैं,
जहाँ के नर और नारी, मृदुभाषी, भोले और प्यारे हैं..
जहाँ का मार्बल, विदेशों में बेचा जाता है,
वो भारत की शान, यह राजस्थान, मुझे सुहाता है।
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