हा मै जानता हु तू नहीं आएगी,
फिर भी तेरी बाते मेरी मंजिल पाएगी।
क्यों मिलकर बिछड़ते है दिल यहां,
प्यार करने वाले जाए तो जाए कहा।
खो जाते है रास्ते या फिर मंजिल,
क्यों हम कोसते रहते कहकर तकदीर।
किरदार जाने कौनसा मुझे मिले,
सितारा बन के सनम तू आकाश में खिले।-
गुलाब तुम, तुम महक, तुम जान-ए-जिगर,
हर ख्वाबों हम करते तुम्हार और सिर्फ तुम्हारा जीकर।-
जीने के लिए तेरे मेरा साथ,
रहे जन्मोजन्म हाथों में हाथ।
कोई कमी नहीं जो है उसमें है सब,
नहीं जुदा करे हमे कोई भी सबब।-
अपनी काबिलियत पहचान तू,
मत बन अब अंजान तू।
तेरा सफर तुझे ही चलना है,
सामना हर घड़ी का करना है।-
घर का ठिकाना कोई भूले कैसे,
काया से छाया दूर हो कैसे।
राहत है जिधर, जिधर है सुकून,
हा ये वही मुझे लगे शाम की धुन।
मंजर है ठहरे से, प्यार से भरे,
चिंता भी हम किस किस की करे।
आये जो दिल में उतर के शाम,
हा यही मुझे लगने लगे मेरा धाम।
गुम सा भी, महसूस करने लगू जब,
देखे दिल सपने होंगे वो पूरे कब।
कितनी कुरबानियां लिखी नसीब में,
पाऊं कैसे किसी को अपने करीब में।
अफसाने सुनाने लगे कुछ अपना हाल,
आया उसे शाम देखो रात का ख्याल।
हालत बिचारी की बेगानी नहीं किसीसे,
और ठहरी है वो यादों में शाम उसीसे।-
घूम रहा हूं जगह एक ही यहां,
घर का ठिकाना खो गया कहा?
तवाफ़ जितने हमने किए है,
आंसू घर की यादों में पीए है।-
तुम्हारे कदम से जन्नत चलू यही है ख्वाब,
तू सबसे हसीन दिलबर, तू सबमें लाजवाब।-