इस वर्ष अलग यह रमजान हैं।
यहां सड़के सब सुनसान हैं, और दुकानें भी वीरान है।
देश की सुरक्षा हेतु, यह रमजान कुर्बान है।
मस्जिदों में नहीं,घरों से खुदा की इबादत करना है।
कोरोना से हमें मिलकर लेना है,
देश के लिए हमें कुछ करना है।
क्योंकि बीमारी घातक, यह कोरोना है।
इस वर्ष घर में खुशियां मना लेंगे,
सेवइयां हम अगले वर्ष खा लेंगे।
खुदा की रहमत रही,तो रमजान अगले वर्ष मना लेंगे।
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