एक आदर्श संविधान बनाओ,
जो प्रेम को अच्छे से जानता हो
एक ऐसा खंड शामिल करो,
जहाँ प्यार की समस्याओं को सुलझाने के लिए बहस की जा सके,
समयबद्ध सत्र आयोजित करें,
जहां सदस्य अपने विचार और चिंताओं को व्यक्त करते हैं,
प्रेम से जुड़े बिल रखें,
और उनके पक्ष में मतदान करने के लिए सभी सदस्यों से अनुरोध करें।
जब भी प्रेम कानूनों को बदलने की आवश्यकता होगी,
तब एक आँख़ झपकते ही चर्चा हो सकती है,
यहाँ तक कि अल्पकालिक अधिनियम भी हो सकते हैं,
यदि प्रेम खतरे में है।
एक प्रेम संविधान बनने से,
सच्चे प्रेम की रक्षा के लिए शक्ति बढ़ जाएगी।
यह हमें रिश्तों, दया और समझ के महत्व को समझने में मदद करे,
कोई छोड़ कर जा रही हो तो, करना क्या चाहिए वो पहले से वहा लिखा हो
निरसावादियों को असा मिलने का कोई एक व्यंक हो
और अंततः दुनिया भर में प्रेम और शांति को फैलाए
अवसाद, खिन्नता, मन्दी के पात्र ना हो
एक आदर्श संविधान बनाओ-
🌻My Sincere Gratitude towards ... read more
Namaste (नमस्ते)
Sata Sri Akal (ਸਤਿ ਸ਼੍ਰੀ ਅਕਾਲ)
Nomoshkar (নমস্কার)
Aadab (आदाब)
Parnam (प्रणाम)
Namaskar (नमस्कार)
Vanakkam (வணக்கம்)
Namaskaram (నమస్కరం)
Namaskar (ನಮಸ್ತೆ)
Namaskar (नमस्कार)
Radhe Radhe (राधे राधे)
Namaskarah (नमस्कार)
Tashi Delek
Khurumjari
Khamma Gani
Assālam ‘alaykum (ٱلسَّلَامُ عَلَيْكُمْ)
Namaskaram (నమస్కారం)
Namaskara (ନମସ୍କାର)
Kem Chho (કેમ છો)
Chibai/Ekhai-
प्यार की डोर है राखी
उपहार की शोर है राखी
बहनों के लिए प्रीमियम वार है वही
भाइयों के लिए अनमोल है राखी
बड़ों की पुरानी परंपरा है तो
नवयुवक के लिए उत्सव भरा दौर है राखी-
तुम छोटी नादान हो
कई होनी और अनहोनी से अनजान हो
कई जिज्ञासा है तुम्हारे अंदर
उत्सुकता से भड़ी एक अबला जान हो
तुम छोटी नादान हो
कई होनी और अनहोनी से अनजान हो
लाज रखो उस मां बाप की
जिसकी तुम जहान हो
मान रखो उस भाई का जिसकी तुम शान हो
तुम छोटी नादान हो
प्यार की कोई उम्र नहीं पर
तुम कई जोखिम से अनजान हो
प्यार तुम्हारा भले सच्चा हो पर शायद
तुम बहुचक भ्रम का शिकार हो
सच्चा प्यार में कोई आजमाइश नहीं
फिर क्यों किसी को दिखाती चमड़े का रंग हो
जो रूठे तुझसे बार-बार
तो क्यों नग्न मूर्ति समान हो
तुम छोटी नादान हो
कई अनहोनी से अनजान हो
बड़ों का कहना मान लो
अपनी मर्यादा और अभिमान का
रक्षक तुम स्वयं हो
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"बुलाती है मगर जाने का नहीं ,
इस होली किसी को सताने का नहीं,
यह बात किसी को बताने का नहीं "
यह सब जो तुम्हें कहे उसके बातों में आने का नहीं...
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