B Pawar   (whosmi/ bpawar)
4.5k Followers · 4.7k Following

Blogger,Writer,Social worker
Joined 4 October 2019


Blogger,Writer,Social worker
Joined 4 October 2019
16 APR AT 11:34

"कुछ लोग अपने आराध्य को
बलि अथवा कुर्बानी देते है।"
जिनके धर्म में जीवहत्या कर
खाने की परम्परा हो और
जीवों के प्रति दया-करुणा न हो।
धर्मग्रंथों में इसकी प्रशंसा हो,
इस तरह के उपदेश देने वाला 
शत प्रतिशत शैतान हैं।
निर्दोष जीवों का भक्षण 
राक्षसी प्रवृत्ति को दर्शाता है।
एक आदर्श भगवान
ऐसा कभी नहीं कहेगा।

-


4 APR AT 20:01

🌐www.whosmi.wordpress.com

-


1 APR AT 22:50

_तकनीकी_

कल से बेहतर कल हुआ
विचारों में फेर बदल हुआ।

टीवी मेरा फ्लैट होता गया
पर तोंद मेरा बढ़ता गया।

साउंड क्रिस्टल क्लियर थे
पर कान अब मेरे बेहरे थे।

सॉफ्टवेयर अपडेट् हुआ
बंदा हर अपडेट हुआ।

कैमरा रिजॉल्यूशन बढ़ता गया
आंखों पर चश्मा चढ़ता गया।

डिस्प्ले हाई रेट हुआ पर
विज़न मेरा लौ रेट हुआ।

पिक्चर अब परफेक्ट हुआ पर
पर अपना कैरेक्टरलैस हुआ।

कारों की स्पीड बढ़ती गई पर
बॉडी अब मेरी थक सी गई।

अब ट्रैवल बुकिंग आसान है
पर पूरे शरीर में थकान हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हुआ
मेरा आईक्यू इग्नोरेंस हुआ।

मशीनों से मेरा काम आसान हुआ
पर चल-फिरना भी अब दुश्वार हुआ।

-


23 MAR AT 19:26

मेरे जैसा होने के लिए
तुम मेरी नकल कर सकते हो।
पर मेरे जैसा हो जाना
कोई आसान काम नहीं।



-


15 MAR AT 12:42

धर्मांतरण

असली से ज्यादा नकली लोग, खुद को
असली साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
धार्मिक बहरूपिए बेहद खतरनाक और जानलेवा होते है।
वे अधिक आस्तिकता दिखाते है और
अन्य धर्मों और तौर-तरीकों के धुर विरोधी होते है।

धर्म परिवर्तित हुए लोग असली मूल लोगों
से भी कहीं ज्यादा धर्मांध होते है, कट्टर होते है।
वे सदैव उनके द्वारा अपना लिए गए धर्म के प्रति
वफादार होने का नाटक करते है।
वे खुद कन्वर्ट होने के पश्चात उसी धर्म को
दूसरों पर थोपने के लिए साम-दाम
दण्ड-भेद  सभी कोशिशो में लगे रहते हैं।
🌐www.whosmi.wordpress.com

-


27 FEB AT 16:44

बातें मेरी फ़िज़ूल ही लगी थी उसे
वो बातों में मकसद तलाशता रहा।
ज़माना मतलबियों से भागता हैं
वो मतलबी इंसान तलाशता रहा।






-


9 JAN AT 18:03

कभी² आपको पदच्युत इसीलिए भी कर दिया जाता है
क्योंकि आप जरुरत से ज्यादा जानने लगते हैं।
🌐www.whosmi.wordpress.com

-


15 NOV 2024 AT 17:35

"नीलकुरिंजी"

जो रात खिले सुबहा मुरझें।
ऐसा चमन; फूल भी क्या!

जिस दिल में मेरी जगह न हो
ऐसा प्रेमी; प्रेम भी क्या!

ऊंट पे बैठूं, नाग डस ले
ऐसा भाग्य; विधाता भी क्या!

ना दुआ लगे, न दवा लगे।
ऐसी कमबख्त; नज़र भी क्या!

ना दोस्त बना, न दुश्मन हुआ
ऐसा बेदिल; आदमी भी क्या!

राह में गर मंजिल ना हो
ऐसा रस्ता; जाना भी क्या!

जहां कोई आनन्द न हो 
ऐसा जीवन; जीना भी क्या!

-


10 NOV 2024 AT 18:14

मरीज़-ए-कैंसर
🌐www.whosmi.wordpress.com

-


23 JUL 2024 AT 23:21

नेता उड़ते आसमान में…
🌐www.whosmi.wordpress.com

-


Fetching B Pawar Quotes