गर बूंदों का असर होता तो,
यह फसल कभी बर्बाद नहीं होती।-
ताकत आवाज में नही
अपने विचारों में रखो,,
क्योकि फसल बारिश से होती है
बाढ़ से नही।।-
आधुनिक माता पिता कहते हैं अपनी बेटियों से,
कम खाया कर, "वजन" बढ़ जाएगी,
पर मैं तो उस पुरातन घर से हूं, जहां मेरे "बाबा" कहते थे कि बेटियों को जायदा खिलाया कर,
बेटियों को खिलाने से इस साल कि
"फसल" बढ़ जाएगी...!!!-
बिल्कुल उसी तरह इंतज़ार करतीं थीं उनका,
जैसे एक किसान करता हैं बारिश की बूंदों का,
पर कुछ ज़्यादा ही बरस गए वो तुफान की तरह,
अब डर लग रहा है इस प्यारे फ़सल के बर्बाद होने का।-
एक मकान मिला किराए का वो भी खंडहर निकला,
कहां होती फसल मोहब्बत की साहेब
मेरे हिस्से का खेत ही बंजर निकला,-
1222 1222 122
ग़म ए उल्फ़त में इतना रो गया कौन,
पुराने ज़ख्मों को ये धो गया कौन।
फ़सल उम्मीद की पकने जो आई,
के शक़ का बीज इसमें बो गया कौन।-
तेरा करम भी ऐ खुदा वक्त पे हो तो मतलब का है
जल गई है सारी फसल,अब बरसात का क्या करना?-