माटि से जुड़ा हूं, साहब! , दाल - रोटी का सहारा है,
मिट्टी ही मेरी चांदी - सोना , बारिश मेरी खुशियों का सहारा है।-
ना हिंदूऔं से, ना मुसलमानों से।
ना गीता से , ना कुरानों से।
ना मंदिर की आरतियों से,
ना मस्जिद की अजानों से।
ना खुद अपने ही खुदा से,
ना औरों के भगवानों से।
ना नए साहिब-ए-मसनद से,
ना सत्ता की पुरानी दुकानों से।
तकलीफ देखकर है लेकिन
सरहद पर मरते जवानों से,
और खेत में मरते किसानों से।-
इक दरिया मोड़ी उसने ,
इक समुंदर बांध रखा है ।।
उसके इक टूटे हल ने ,
दुनिया को संभाल रखा है ।।
तू मान ले रोहित,वो खुदा से कम नहीं ,,
पर आदमी ने उसे बस किसान समझ रखा है।।-
ये है अपना देश..
जय जवान, जय किसान
नारा लगाते है...मगर
किसान का उगा अन्न खाकर
यदा कदा उसे गाँव का गवाँर
बोलकर..खुद को समझदार
जताते है
ये वहीं लोग हैं जो..फटी जींस
को फैशन अौर जाहिलता को
आज के दौर का चलन बताते हैं...
जवान अौर किसान हर हाल में
गुजर करना जानते हैं
यही देश की शान है..हम तो बस
इतना मानते हैं...!!!
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सियाह अख़बार भी हमारे मुल्क में, कुछ ऐसे भी लाल होता है,
फंदे पर अन्नदाता होता है, हुक्मरानों का सिर्फ़ मलाल होता है !!
سیاہ اخبار بھی ہمارے ملک میں,کچھ ایسے بھی لال ہوتے ہیں..
پھندے پر ان داتا ہوتا ہے,حکمرانوں کا صرف ملال ہوتا ہے !!-
आसमान छूने की कोशिश में हर कोई महान बन गए,
जिन्हें पता था मिट्टी का इन्सान मिट्टी में ही जा मिलेगा
वो किसान बन गए..-
जो खेतों में कड़ी मेहनत कर, लोगों का पेट भरते हैं,
अन्नदाता भारत के, वह प्राकृतिक आपदाओं में भोजन प्रदान करने हेतु कितने दर्द सहते हैं..
किसान भारत की अर्थव्यवस्था का प्राण है,
पर हालातों के चलते आज वह बेहद परेशान है।
ना मिल पा रहा है उन्हें अपना हक, हुआ उनके दिलों पर आघात है,
हम सब भारतीय किसानों के साथ हैं।-
जब-जब तानाशाही आइन पर हावी होगी,
ज़ाहिर है फिर अवाम भी इंक़िलाबी होगी!
جب جب تانا شاہی آئین پر حاوی ہوگی..
ظاہر ہے پھر عوام بھی انقلابی ہوگی !!-
हम किसान है देश की शान हैं l
धूप छाव बारिश में भी करते ना विश्राम हैं ll
कड़ी धूप की परवाह नहीं हमें,फसलें हमारी जान हैं l
लोगों के पेट भरने में जिसे दो वक्त की रोटी नहीं मिलती हम वह लाचार हैं ll
हाँ, हम किसान हैं ll
हम किसान है देश के अभिमान है l
हर समय बदलती परिस्थिति से हैरान हैं ll
कभी-कभी तो लगता है हो रहे हम नाकाम हैं l
लगता है जीवन की कष्ट ही हमारे इनाम हैं ll
हाँ, हम किसान हैं ll-