माना कि रिश्तों में जरूरी है थोड़ी दूरी ,
आ जाये कोई तीसरा बीच मे
जो करदे तुम्हारी कमी पूरी ,
इतनी भी अच्छी नही है दूरी।-
तकरीरें तो बहुत हुई अंजुमन में,
सामने तो बैठो,कभी दीदार के लिए।
ये हवाएं भी अब साजिशें करने लगेगी,
तेरे चेहरे से जुल्फों को हटाने के लिए।
चाँदनी रात है,और चाँद भी बेक़रार है,
सबनम बनकर तेरे चेहरे पर बरसने के लिए।
हो इज़ाज़त गर,उँगलियों को फेर दूँ मैं जरा
तेरे जुल्फों के लटों को सुलझाने के लिए।-
Hum ek duje se dur hi sahi
par hamesha saath hai ,
Ye na rukne wala waqt
aaj humse thoda naraz hai...
Kaise samjhau mai iss pagal Dil ko
ki jo dur hokar bhi bhoolta nahi humko ,
Uska ehsaas hi to
hamara saccha pyar hai...
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मुलाकात तो तुझसे मेरी केवल मेरे ख़्वाबों में सच्ची होती हैं।
हकीकत में तो हमारे बीच केवल दूरियां ही नजर आती हैं।-
दूरियां यूँ ही नहीं आती रिस्तों में
ये तो वो जज्बात है
जो बिखरती है किस्तों में-
इतना भी आसां नहीं था
खुद को तुझसे दूर रखना.....
पर कमबख्त मजबूरी भी तो
इक चीज़ हुआ करती है।।।।।।
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Kuch dur kya huye ham unse...
Logon ne to dooriyan hi bana li...
💫___________💔❤
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सब होंगे यहाँ मगर हम न होंगे
हमारे न होने से लोग कम न होंगे
ऐसे तो बोहत मिलेंगे तुमको
ज़िन्दगी में
हम जैसे भी मिलेंगे मगर
वह हम न होंगे ...-
ना जाने कैसा रिश्ता है तुमसे कैसा नाता है तुमसे
क्यों इतना अनजाना सा एहसास है तुमसे
कभी मरना चाहते थे हम तुमसे मिले तो समझ में आयी जिंदगी
जैसे एक सहारा मिल गया तुमसे
डूबते हुए इंसान को तिनके का सहारा मिल गया
हर आहट में तुझे महसूस कर के हंस जाता हूं
तेरी मीठी मीठी बातें
मुझे हंसा देती है
क्यों है यह दूरियां हम दोनों के बीच
जो मुझे इतनी सजा देती है
जिंदगी बन कर आई हो
तुम मेरे लिए
तो क्यों इतना दूर रहना-