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अगर हुस्न वालों का कोई धर्म या समुदाय होता तो आप उनके भगवान होते,
और बाक़ी सब साधारण लोग आपके अनुयायी l
पूजा होती, सज़दे होते, जलती मोमबत्तीयां भी l
जलने वाले आपसे जलते, करते आपकी बुराईयां भी ll
चलो मैं शायर,मैं झूठा जहाँ में अव्वल नंबर का,,,
तो इक काम करो खुद को मेरी जगह पर रख लो l
और इक फुर्सत से अपनी आँखें देख लो...
फिर खुद-को खुदकी मोहब्बत में गिरने से रोकना l
कितना मुश्किल होता है ना, अपनी आँखें मूंदना ll
समझ आयेगा हम होते हैं कितने दर्द में l
जब रहोगे खुद किसी हुस्न वाले की कैद में ll
भूख-प्यास, दिन-रात सब भुल जाओगे l
बनकर मजनू जब लैला-लैला चिल्लाओगे ll
हुस्न वालों की जग में ये रीत पुरानी चली आयी l
इश्क़ भगवंत, और आशिक अंधभक्त भटका अनुयायी ll-
✈️Travelling Tuesday✈️
No doubt, Travelling is most intense mode of learning new experience.-
किसे छोड़ता मैं किसे पास रखता
मतलबी जहाँ में किसे खास रखता
वहीं टूट जाती मियां आस मेरी
जहाँ मैं लबों की ज़रा प्यास रखता
मैं दुबई में रहता अगर जो कभी तो
उसी का फक़त नाम बनवास रखता
कहाँ छूट जाएँ ये सांसे भी अपनी
कहाँ तक मैं इस पे भी विस्वास रखता
कहूँ सच न शाइर न आशिक है सारँग
नही दिल को हर दम ये हस्सास रखता-
parkhna mt parkhne m koi apna nhi hota... kisi bhi aaine m der tk chehra nhi rhta... bade logo s milne m humesha fashle rkhna... samuder s mila dariya kbhi dariya nhi rhta...
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Wandering far off,
Exploring new places,
Destiny following fate,
Life became an adventure.-