डूब ही जाता बीच समंदर में किनारा बना दिया था,
टूटा तो उसकी दुआओ ने मुझे दोबारा बना दिया था,
मुझे याद है बचपन में इक अश्क गिरा था मेरी आंख से,
मेरी मां ने उसे भी उठा कर आसमां का सितारा बना दिया था...-
करती हूं उस खुदा से
बस एक यही दुआ !!
मेरे हिस्से की भी खुशियां मिले
तुझको ही सदा !!-
झुके जब ये सिर मेरा खुदा कीं इबादत मे कभी,
तुम होंठों पर मैरी पहली दुआ बनकर "चले आना "
-
मैं अगर घाव से भरा हूँ तो वो दवा है मेरी,
मैं कही मरने को पड़ा हूँ तो वो दुआ है मेरी..!!-
KHUDAYA DUAON ME HAMARE ITNA ASAR DE !!
AGAR KHAWAHISHE PURI NA HO TO SABAR DE !!-
आज एक दूसरे से जुदा हुए हमें एक साल हो गए,
सुना है अब तुम किसी अजनबी के हमसाए हो गए...😪
ख़ैर,
मेरी हर नमाज़ के बाद उठे मेरे हाथ,
मेरे अपनों पर रहमतों का अंबार मांगता है...
अब मेरे ख़ामोश लब नाम-ए-ज़िक्र नहीं करते तुम्हारा,
पर आज भी मेरी हर दुआ में ये दिल बहुत ख़ामोशी से तुम्हारी खुशियां तमाम मांगता है...।।।-
दुआ ही तो
बेशक़ीमती होती है,
दवा तो अक़्सर
क़ीमत अदा करने पर
मिल जाया करती
है।।-
वो! आएगा जब भी ख़्वाबों में,
तेरे ख़्वाब! हक़ीक़त बन जाए।
ऐसी नमाज़े अदा कर देना तु की,
कुबूल तेरी हर दुआ हो जाऐ...-