यूंही अक्सर मिल जाते हैं लोग यहाँ दो कौड़ी के
लार बहाकर ही आते हैं लोग यहाँ दो कौड़ी के
वाई क्यू न हुआ हो गया अड्डा सिटियाबाजी का
बस नम्बर लेने आते हैं लोग यहाँ दो कौड़ी के
लड़का लड़की मत पूछो इन सबकी अपनी चालें हैं
खेल बड़े से कर जाते हैं लोग यहाँ दो कौड़ी के
कुछ अपने भी छिन जाते हैं अक्सर इसमें फंस कर के
जब भी उनको मिल जाते हैं लोग यहाँ दो कौड़ी के
सनकी इनसे दूर रहो लो खींच कलम तुम अब अपनी
वरना तुम भी हो जाओगे लोग यहाँ दो कौड़ी के
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7 MAR 2018 AT 20:01
26 JUL 2020 AT 16:39
Mahengi hai biknewali har
chiz aaj mahengi hai,
Sasti hai to sirf INSANIYAT,
jo do kodi me bikti hai.-
1 SEP 2020 AT 18:53
"इन्सान लिबासों से नहीं
एहसासों से आँके जाते हैं,
सस्ते लिबासों में लिपटी
शख़्सियतें बेशक़ीमती होती हैं....."-
5 JUN 2021 AT 20:46
"महंगाई के जमाने में आज भी माचिस की डिबिया सस्ती बिकती है..
आग लगाने वालो की किमत हमेशा दो कोडी ही रहती है.."-
22 JAN 2020 AT 10:39
Zindagi Ko Itni Sasti Bhi Na Banaye Ki,
Do Kaudi Ki Log Khelkar Chale Jaye...-
5 MAR 2021 AT 19:59
ज़िन्दगी में चार लोग क्या मिल गये चाहने वाले
खुद को मशहूर समझने लगे हैं
दो कौड़ी की औकात रखते वाले कुछ लोग
खुद को कोहिनूर समझने लगे हैं-