Anita singh   (अनुMeeta.........💌🧡🪄)
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Joined 6 March 2020


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Joined 6 March 2020
8 JUL AT 14:36

इस ऐह-ले मोहब्बत का,बस इतना फ़साना है
मिल जाए तो जन्नत, बिछड़े तो तराना है

नज़रों की हदों में है,जब तक तस्वीर तेरी
रंगी पलकों में सिमटा,सारा ये ज़माना है

कुछ सोचूं और कह दूं,ये भी क्या कम है "अनु"
रस्ता इक साथी हम, बाकी सब,अफसाना है

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2 JUL AT 11:55

चुराकर ले गया कोई,मेरे सब ख़्वाब रातों के
हक़ीक़त से परे रखकर मेरे जज़्बात आहों में

बहुत कमसिन है नादां दिल,धड़कना भूल बैठा
आसरा है इक बस मिले सहारा तेरी बांहों में।।

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26 JUN AT 17:42

बे-तकल्लुफं सी मुलाक़ातों का सिलसिला ख़त्म हुआ
चलो,थोड़ी औपचारिकताएं निभाते हैं
जो हाल हमारा पुछो तुम हम ठीक -ठाक बताएंगे
हाल जो उनका पुछे वो मसरुफ़ियत बताते हैं।।

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29 MAY AT 15:38

इल्ज़ाम
कितने यकीं से बे-वफ़ा वो कह गए हमको
नज़र में अपनी हीं मुजरिम ठहरा गए हमको

घायल वजूद बेसबब पशेमां है इस कदर
अपनी हीं नज़र में नजरबंद कर गए हमको

देखती हैं नज़रें श़क-ओ-शुब्हा से दिल को
धड़कनों की बेरूख़ी से घायल कर गए हमको

दिल का बसर जो ढूंढ़ते थे घूम दर-ब-दर
आशियां दिल का हवाले शोला कर गए

जो खुद बन्द-अहद थे,वादा ख़िलाफ़ कहते हमको
इल्ज़ाम अपने सर का हमारे नाम कर गए

बे-लौस मोहब्बत का कर्ज, कुछ यूं अता किया
क़त्ल हमारा किया, हमीं को क़ातिल बना गए।।

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19 MAY AT 14:10

एहसास ज़िन्दगी का

एहसास ज़िन्दगी कुछ यूं भी कर देखिए
धड़कनों से सांसों का रिश्ता तोड़कर देखिए

नज़ारा इस जहां का कभी यूं भी किजिए
बद पलकों से कभी फ़लक निहारिए

करके अदला-बदली किसी मजबूर से कभी
हालातों का इस तरह भी जायजा लिजिए

जिस्म सा लिबास उत्तर जाएगा किसी रोज़
कभी रुह का लिबास बदल कर देखिए

आंसूओं से ना बुझ सकेगी आग गुनाहों की
चिता से अरमानों की रौशनी कर देखिए......

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17 MAY AT 13:16

"दो टूक तुम्हारे"
दो टूक अल्फ़ाज़ तुम्हारे
उम्मीदों से दामन भर दे
दो टूक अल्फ़ाज़ तुम्हारे
चीर कलेजा छलनी कर दें
दो टूक अल्फ़ाज़ तुम्हारे
खुशियां की बारिश कर दें
दो टूक अल्फ़ाज़ तुम्हारे
अश्कों का लावा पिघला दें
दो टूक अल्फ़ाज़ तेरे
सराबोर मन को कर दें
दो टूक अल्फ़ाज़ तुम्हारे
अवसाद भरा मन क्यों कर दें
दो टूक तेरे अनमोल हुए
ज़ुबां बदल कर देख लिया
कैसा स्वर कैसा मंथन है
बदले काया तो क्या कर दें
रस में डूबे दो टूक तेरे
बेकल बेचैन हृदय कर दें
दो टूक बुझे ग़र विष में तो
दो टूक कलेजे को कर दें
बस दो टूक अल्फ़ाज़ तेरे.....

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5 MAY AT 15:35

दिल लगाने का सबब याद रहे या ना रहे
इश्क तेरा हिज़्र है, फिर ज़िन्दगी रहे ना रहे

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30 APR AT 13:43

Being physical,
or physically available




Being one by emotions,
Feelings, and respecting each other,
Even if u can't be there.

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30 APR AT 13:37

ग़िला भी करेंगे तुमसे हीं मिल कर
दवा की ज़रूरत नहीं अब कोई भी
मर भी गए हम तो मरहम है दिल पर

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29 APR AT 14:31

बसाकर ख़्वाब आंखों में, पलकें उम्मीद से भारी
बहुत हल्की हैं सांसें वक्त की ,दामन छुड़ा लेंगी
सम्भल कर रख कदम ऐ दिल ,ठोकर ना लग जाए
टूटकर बिखरेंगे अरमां, ना कोई हाथ थामेगा ।।

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