Dil jaloon ke mehfil hai .
Ishq ka khumar hai.
Nafrat bhari hai diloon mein.
Aur kehte hai pyar hai.-
अब मैंने तुम्हारी बातों से
तुम्हारा दर्द समझ लिया है।
कम वक्त में ही सारा
मर्ज समझ लिया है।
क्या नुकसान करोगे मेरा
जख्म दोगे? मार दोगे?
मुझे तो अपनो ने ही
अरसो पहले मार डाला है।-
پھر رات گہری ہو رہی تھی
پھرمیں کھو رہا تھا خود کو
میں دیکھ رہا تھا مڑ مڑ کے
کوئی ڈھونڈنے نا آیا مجھ کو-
Kuch log dhokha de diye kuch taiyaari kar rahe hai.....
Aur ham jaise Diljale eu hi shayari likh rahe hai...-
अजीब अँधेरा है ऐ इश्क तेरी महफिल मे
किसी ने दिल भी जलाया तो रौशनी न हुई-
मेरे मरने के बाद मेरे दिल को अच्छे से जलाना ऐ खुदा
मेरे दिल ने भी अगर मोहब्बत दिखाई तो वो रो पड़ेगी-
Ek dour tha wO
Jb hum Dil lagate the
Ab baat ishq ki krOge tO
aag lga dunga
Usse kah do, dil jala h mera
Hamari nazar me na aaye
Wrna uske sar pr v bewafayi ka
Daag lga dunga-
बता दो कोई उन दिलजलों से
जो मोहब्बत में कई सपने सँजोये बैठे हैं ,
कि धुँधले हो जाते हैं वो पुराने रिस्तें
किसी नये के आ जाने से,-
नजदीकियां बढ़ गयी है इतनी..
की अब फासले होने को है..
दिलबर हो गये है इतने..
की अब दिलजले होने को हैं..!!"-